बरेली: अहसन मियां पहुंचे अजमेर शरीफ, हाजिरी और गुलपोशी के बाद की देश-दुनिया में अमन और शांति की दुआ

बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन और टीटीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) मज़हबी दौरे पर इन दिनों राजस्थान में हैं। कोटा, भीलवाड़ा, बीकानेर के बाद अजमेर शरीफ की विश्व विख्यात दरगाह हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरबार में बेहद सादगी के साथ हाज़िरी देने ठीक उसी अन्दाज़ में पहुंचे जिस तरह सुन्नियों के पेशवा आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी और मुफ़्ती आज़म-ए-हिन्द हाज़िरी देते थे।
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मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां मुल्क भर की ख़ानक़ाहों में आपसी इत्तेहाद को लेकर काफी अर्से से दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुफ़्ती अहसन मियां ने गरीब नवाज़ के उर्स से पहले ख्वाज़ा साहब की बारगाह में हाज़िरी देकर गुलपोशी और फातिहा के बाद मुल्क-ए-हिंदुस्तान समेत दुनियाभर में अमन-ओ-शांति और सुन्नी खानकाहों में इत्तेहाद की दुआ की।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी खानकाह के बुजुर्गो ने हमेशा ख़ानक़ाही इत्तेहाद पर जोर दिया। ये वो अज़ीम बारगाह है जहां से हर मज़हब-ओ-मसलक के लोग फ़ैज़ पा रहे हैं। बरेली से अजमेर शरीफ का हमेशा से रूहानी रिश्ता रहा है। मुफ़्ती आज़म हिन्द ने भी देश भर की सुन्नी खानकाहों को एक करने का काम किया है। वहीं उन्होंने कहा कि जो मिशन ख़्वाजा गरीब नवाज़ का था वही मिशन आला हज़रत का है। उसी मिशन पर चलते हुए आला हज़रत ने अपनी पूरी ज़िंदगी पैगंबर-ए-इस्लाम के बताए रास्ते पर गुजारी।
दुनियाभर में आला हज़रत ने अपने लिटरेचर से अमन और शांति का पैगाम दिया। जिन्हें आला हज़रत के कलाम और सलाम से ऐतराज़ है वो बताएं कि आला हज़रत के सलाम और कलाम में क्या कमी है जिसे गरीब नवाज की बारगाह में पढ़ने से मना किया जा रहा है। जबकि आला हज़रत का सलाम पूरी दुनिया मे आज भी पढ़ा और सुना जा रहा है। आज भी लाखों बरेलवी हज़रात हाज़िरी के लिए अजमेर शरीफ जाते हैं। बरेली का अजमेर से रूहानी रिश्ता रहा है। ख़्वाजा साहब का दरबार हम बरेलवियों का अक़ीदत का मरकज़ है। कुछ लोग सुन्नी खानकाहों को बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की ज़रुरत है।
बता दें इस दौरान अकीदतमंदों ने मुफ़्ती अहसन मियां से मुलाकात कर अपने लिए दुआ कराई। साथ ही बड़ी संख्या में लोग हज़रत के हाथों मुरीद हुए। हज़रत के साथ कारी यूसुफ रज़ा संभली, टीटीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शाहिद खान नूरी, औररंगज़ेब नूरी, मंज़ूर खान, गौहर खान, साजिद नूरी आदि लोग रहे।
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