धोखाधड़ी का खेल : जीएनएम की नौकरी का झांसा देकर ऐंठे 12 लाख, आयोग में सेटिंग बताकर पीड़ित को था फंसाया

धोखाधड़ी का खेल : जीएनएम की नौकरी का झांसा देकर ऐंठे 12 लाख, आयोग में सेटिंग बताकर पीड़ित को था फंसाया

नौकरी न मिलने पर वापस मांगी रकम तो धमकाया, पीड़ित ने गोमतीनगर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी

Amrit Vichar, Lucknow : जीएनएम की नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपी ने बस्ती के दुर्गा प्रसाद यादव से 12 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपी ने आयोग में मजबूत सेटिंग बता पीड़ित के दोनों बच्चों की नौकरी का आश्वासन दिया था। नौकरी मिलने पर पीड़ित ने रुपये वापस मांगे तो आरोपी ने चेक दिए, जो बाउंस हो गए। संपर्क करने पर आरोपी ने धमकाया। गोमतीनगर पुलिस ने रविवार को रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर गोमतीनगर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

बस्ती के पैकवलिया निवासी दुर्गा प्रसाद यादव ने बताया कि वर्ष 2024 में उनकी मुलाकात अनुराग यादव से हुई थी। बातचीत में आरोपी ने कहा कि आयोग में उसकी काफी अच्छी पहचान है। नौकरी भी लगवा सकता है। पीड़ित ने अपने दो बच्चों की नौकरी लगवाने की बात की। कहा कि उसके दोनों बच्चों ने जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) किया हुआ है। आयोग के माध्यम से परीक्षा कराकर भर्ती होनी थी। आरोपी अनुराग ने दोनों की नौकरी के एवज में 12 लाख रुपये ले लिए। परिणाम आने पर दोनों अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ था।

पीड़ित ने आरोपी को कॉल करके रुपये वापस करने के लिए कहा। इसपर आरोपी ने रुपये के बदले आवासीय प्लॉट देने की बात कही। पीड़ित ने हामी भरी तो आरोपी ने जमीन की कीमत 18 लाख रुपये बताई। इस लिए आरोपी ने 6 लाख रुपये और मांगे। पीड़ित दुर्गा प्रसाद ने रजिस्ट्री के समय रुपये देने की बात कही। कई बार कहने के बावजूद अनुराग ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। रुपये वापस करने का दबाव बनाने पर आरोपी ने चेक दिए, जो।बाउंस हो गए। पीड़ित ने बताया कि बेटे अखिलेश ने गोमतीनगर इलाके में आरोपी अनुराग से मुलाकात कर रुपये वापस मांगे तो आरोपी ने गाली-गलौज कर धमकाया। पीड़ित ने रविवार को गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

एलडीए से बिल्डिंग का नक्शा पास करने के नाम पर ठगे 10 लाख

अमीनाबाद के हाता लाल खां निवासी अरमान बशीर का एक प्लॉट लालबाग में है। उन्होंने ने बताया कि वर्ष 2023 में उनकी मुलाकात महानगर के न्यू हैदराबाद स्थित रिवेयरा ब्लू अपार्टमेंट निवासी नातिक हक से हुई थी। घनिष्ठता बढ़ने पर नातिक ने उनसे उनके लालबाग स्थित जमीन पर बिल्डिंग का निर्माण कराने की बात कही। आश्वासन दिया कि बिल्डिंग बनने के बाद वह बिकवा देगा। नातिक ने कहा कि उसका एलडीए आना-जाना रहता है।

अधिकारियों से अच्छी पहचान है। वह एलडीए से नक्शा पास करा देगा। झांसे में आए अरमान ने बिल्डिंग का निर्माण शुरू करा दिया। अक्टूबर 2023 में नातिक ने नक्शा पास कराने अन्य औपचारिकताओं के नाम पर अरमान से कई बार में नगद और खाते में 10 लाख ले लिए। पीड़ित को लगा कि नातिक ने सारा काम करवा दिया है। अरमान ने बताया कि बिल्डिंग का निर्माण पूरा हो चुका था।

इस बीच अगस्त 2024 में एलडीए की टीम जेसीबी लेकर पहुंची। धोखाधड़ी पता चलने पर पीड़ित ने नातिक ने बात की तो उसने एलडीए से नक्शा स्वीकृत होने की बात कही। इसके बाद भी एलडीए ने बिल्डिंग ढहा दी। पीड़ित ने जब शिकायत और अपनी रकम वापस मांगी तो नातिक ने गाली-गलौज किया और धमकाना शुरू कर दिया। कैसरबाग पुलिस ने तहरीर के आधार पर नातिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में पार्टनरशिप के नाम पर हड़पे 5.50

विवेक खंड-2 निवासी राकेश कुमार ने बताया कि करीब दो साल पहले उनकी मुलाकात अंबेडकरनगर में जैतपुर मिर्जापुर निवासी आशुतोष कुमार गौड़ उर्फ आशु से हुई थी। बातचीत में आशुतोष ने कहा कि वह इस समय दिल्ली के कीर्तिनगर में रहता है। धीरे-धीरे दोनों में पारिवारिक संबंध हो गए। एक दिन आशुतोष ने राकेश से कहा कि वह ट्रांसपोर्टर है और बसें चलवाता है। कारोबार में उसके दो साझेदार गोंडा निवासी मनोज मिश्रा और आजमगढ़ निवासी लकी मौर्या हैं। मनोज लखनऊ का और लकी गोरखपुर का कारोबार संभालते हैं।

राकेश ने बताया कि कुछ दिन बाद तीनों उनके घर आए और कारोबार में साझेदार बनने की बात कही। जाल में फंसे पीड़ित ने मनोज और लकी को 5.50 लाख दे दिए। आरोपी ने कुछ दिन बाद फिर से 6 लाख की मांग की। राकेश के मना करने पर आरोपियों ने मुनाफा देना बंद कर दिया। पीड़ित के रकम मांगने पर आशुतोष टालमटोल करने लगा। राकेश जब आजमगढ़ पहुंचे तो पता चला कि आशुतोष ट्रांसपोर्टर नहीं है। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

अंसल फर्जीवाड़े में तीन और रिपोर्ट दर्ज

तालकटोरा थाना अंतर्गत राजाजीपुरम निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वर्ष 2013 में अंसल में संपर्क कर एक प्लॉट बुक कराया था। एग्रीमेंट कर पीड़ित ने 19,85,318 रुपये दिए थे। जिसके बाद अंसल निदेशकों ने फर्जी आवंटन पत्र जारी कर दिया था। प्लॉट मिलने पर पीड़ित ने संपर्क किया तो टालमटोल की गई। पीड़ित का कहना है कि 12 साल बाद भी उन्हें तो प्लॉट मिला और ही रुपये वापस हुए।

वहीं, अलीगंज के सेक्टर-एल निवासी निर्मल सिंह ने बताया कि हिजाब सुल्ताना ने मार्च 2012 में अंसल में एक प्लॉट बुक कराया था। एग्रीमेंट में प्लॉट की कीमत 36,69,120 रुपये थी। जिसमें तीन साल में कब्जा देना था। जून 2013 में हिजाब ने निर्मल को प्लॉट दे दिया था। निर्मल ने अंसल में 16,51,106 रुपये जमा किए थे। प्लॉट के नाम पर आनाकानी देख पीड़ित ने रुपये वापस मांगे तो 13 साल तक टालमटोल की गई।

उधर, गोमतीनगर विस्तार सेक्टर -5 निवासी लक्ष्मी सक्सेना ने बताया कि अंसल के प्रोजेक्ट सिरीन लेकव्यू में एक फ्लैट बुक कराया था। उन्होंने ईएमआई पर सितंबर 2015 तक 8,04,154 रुपये जमा किए थे। शेष रकम टॉवर का निर्माण शुरू होने पर करने को कहा गया था। लक्ष्मी ने बताया कि दस साल बाद भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ। लक्ष्मी ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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