अलविदा 2022 : CM Yogi Adityanath वर्ष 2022 में पांच बार आए रामपुर, मिला कुछ भी नहीं 

रामपुर को उद्योग नगरी के रूप में विकसित करने का हुआ वायदा... चीनी मिल, रजा बुलंद शुगर फैक्ट्री की हालत जस की तस

अलविदा 2022 : CM Yogi Adityanath वर्ष 2022 में पांच बार आए रामपुर, मिला कुछ भी नहीं 

रामपुर में जनता का अभिवादन स्वीकारते सीएम ।

रामपुर,अमृत विचार। वर्ष 2022 ऐतिहासिक वर्ष रहा जिसमें रामपुर की जनता ने चार चुनाव देखे। चुनाव में प्रत्याशियों के प्रचार के लिए पांच बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामपुर आए। विधानसभा आम चुनाव से पूर्व वह एक जनवरी 2022 को रठौंडा में जनसभा को संबोधित करने आए थे और भाजपा प्रत्याशियों को जिताने का आह्वान किया। इसके बाद आजम खां के लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए फिजिकल कालेज स्टेडियम में हुई जनसभा को संबोधित किया। भाजपा प्रत्याशी के जीतने के बाद आभार जताने रामपुर आए और फिर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना की जीत दिलाने की अपील कर गए। तमाम जनसभाओं में मुख्यमंत्री ने खुलेमंच से रामपुर में उद्योग लगवाए जाने का वायदा किया। लेकिन, एक भैया नगला पुल निर्माण शुरू होने के अलावा कोई बदलाव नहीं हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर में उद्योग लगवाए जाने और रोजगार की कोई कमी नहीं होने देने का वायदा रामपुर की जनता  से किया था। उन्होंने फिजिकल कालेज स्टेडियम पर हुई जनसभा में लोगों से वायदा किया था कि रुद्र-बिलास चीनी मिल का जीर्णोद्धार कराया जाएगा उसकी पेराई क्षमता बढ़ाई जाएगी। रामपुर चीनी मिल चलाई जाएगी इसके अलावा नये उद्योग रामपुर में लगवाए जाएंगे। लेकिन, पेराई सत्र चालू हो गया लेकिन, रुद्र-बिलास चीनी मिल की पेराई क्षमता नहीं बढ़वाई गई।

रुद्र-बिलास चीनी मिल की बूढ़ी हो चुकी मशीनें दो दिन चलने के बाद हांफ जाती हैं जिसके कारण दो दिन चीनी मिल बंद हो जाती है। जिसके कारण किसानों को पूस की रात गन्ने से लदे डनलपों और गाड़ियों पर बितानी पड़ती हैं। क्योंकि, किसानों के सामने समस्या होती है कि चीनी मिल गेट पर गन्ने से लदे वाहनों के बीच से गन्ने से लदे अपने डनलप को कहां ले जाएं। किसान होरी लाल बताते हैं कि रुद्र-बिलास चीनी मिल की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। रामपुर चीनी मिल के चलने की भी कोई सुगबुगाहट नहीं है। एक जनपद एक उत्पाद की सूची में रामपुर के जरी जरदोजी और वायलिन का काम शामिल है लेकिन, इनके काम करने वालों में और मजदूरों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।

रामपुर में यह थीं प्राइवेट लि. फैक्ट्रियां
गोवन ब्रादर्स कंपनी लिमिटेड, जेपी श्रीवास्तव कंपनी लि., गोवन इंवेस्टमेंट कंपनी लि., रामपुर टैंट एंड आरमी इक्युपेमैंट कंपनी लि., रामपुर फाइनेंस कार्पोरेशन लि., जेके रामपुर लि., जेके गैस प्लांट कंपनी लि., नाहीद सिनेमा कंपनी लि., रामपुर ट्रेडिंग कंपनी लि., जेके फूड प्रोडक्ट्स कंपनी लि., रामपुर कारबाइड कंपनी लि., राकपुर कंसट्रक्शन कंपनी लि., दि मिल स्टोर कंपनी, ज्वाला प्रसाद राधा कृष्ण कंपनी, कर्मचंद थापर एंड ब्रादर्स कंपनी, रामपुर टिम्बर एंड टर्नरी कंपनी, रामपुर ग्लास वर्क्स कंपनी, मेवा कंपनी लि.।

रामपुर रियासत में यह थे कुटीर उद्योग
विभिन्न डिजाइनों में कपड़ा बुनना, मोजा बुनना, कागज बनाना, दरी बनाना, चाकू और सरौता बनाना, कालीन बनाना, रेशमी छपाई और ढलाई।

वरिष्ठ इतिहासकार नफीस सिद्दीकी का कहना है कि रियासत काल में वर्ष 1936 के बाद रामपुर में फैक्ट्रियां लगनी शुरू हुईं और छोटी-बड़ी 52 फैक्ट्रियों में लोग काम करते थे। रामपुर के अलावा बिहार, बंगाल और आसाम से मजदूर बुलाए गए थे। कानपुर के बाद रामपुर का नाम औद्योगिक क्षेत्र में लिया जाता था। रामपुर के लोगों के लिए रोजगार की बहुत जरूरत है। यहां फैक्ट्रियां लगवाई जाएं तमाम फैक्ट्रियों की जगहें खाली पड़ी हैं। 

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