पीलीभीत: धान खरीद में सब कुछ ठीक...फिर क्या छिपाना चाह रहे जिम्मेदार!
पीलीभीत, अमृत विचार। धान खरीद को दो माह पूरा होने को है। किसानों की मानें तो अब नाममात्र ही धान बाकी है। जबकि खरीद अपने लक्ष्य से काफी पीछे हैं। क्रय केंद्रों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। हालांकि आंकड़ों में उछाल कई सवाल खड़े कर रहा है। खरीद से जुड़े अधिकारी सब कुछ ठीक और पारदर्शिता से खरीद होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन खरीद के आंकड़े और क्रय केंद्रों की सूची देने से भी बचा जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि आखिर जब सब शासन की मंशा के तहत ही चल रहा है तो जिम्मेदार छिपाना क्या चाह रहे हैं।
जनपद में एक अक्टूबर से धान खरीद शुरू हुई थी, जोकि 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। इस बार छह एजेंसी खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपीएसएस, पीसीयू, मंडी समिति, भाखनि के कुल 155 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। 2.40 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य है, जबकि 23 नवंबर तक 25.25 फीसदी ही धान क्रय केंद्रों पर खरीदा जा सका है। उक्त आंकड़ों की मानें तो कोई भी क्रय एजेंसी तेईस नवंबर तक 40 फीसदी टारगेट भी पूरा नहीं कर सकी है। किसान नेताओं का कहना है कि अब तो किसान के पास तो अब सिर्फ तीन से चार प्रतिशत ही धान बचा होगा। उनकी ये बात क्रय केंद्रों पर पिछले कई दिनों से पसरे सन्नाटे को देखकर सही भी प्रतीत हो रही है। दिनभर अधिकांश क्रय केंद्र सन्नाटे में हैं। इसे लेकर खरीद में खेल के आरोप किसान नेता भी लगा रहे हैं और चर्चाएं भी तेज हैं। मगर, खरीद से जुड़े जिम्मेदार उठ रहे सवालों का जवाब देने के बजाए बचते से नजर आ रहे हैं। उनकी तरफ से न तो खरीद के प्रतिदिन के आंकड़े बताने की जहमत उठाई जा रही है। साथ ही क्रय केंद्रों से संबंधित सूची देने से भी बचते दिखाई दे रहे हैं। जोकि इन तमाम उठते सवालों को बल दे रही है। जिम्मेदारों का दावा है कि सब कुछ ठीक है। चर्चाओं को भी गलत बताया जा रहा है लेकिन फिर स्थिति स्पष्ट करने से क्यों बचा जा रहा है।
टिनशेड में लगे खरीदे जा चुके धान की बोरियों के ढेर
लक्ष्य के सापेक्ष अभी काफी कम खरीद हो सकी है। क्रय केंद्रों पर अब तक खरीदे जा चुके धान का ढेर लगा हुआ है। इसका उठान भी तेजी से नहीं कराया जा रहा है। जिसे लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं मंडी समिति परिसर में हो रही है। खरीदे गए धान के उठान की व्यवस्था भी धीमी होने की बात कही जा रही है। जबकि कई इसे लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।
इस तरह की जाती रही टालमटोल
अब तक हुई धान खरीद के बारे में जानकारी करने के लिए जब डिप्टी आरएमओ से संपर्क किया गया तो पहले उन्होंने ओके कहा। मगर इसके बाद ये कहकर टाला जाता रहा कि खरीद की जानकारी शाम तक क्लीयर हो सकेगी। हालांकि इसके बाद भी तस्वीर स्पष्ट नहीं की गई। जबकि इसी विभाग से जुड़े अन्य कर्मचारियों ने ये तर्क दे दिया कि इसकी जानकारी सिर्फ साहब ही दे सकेंगे।