कर्तव्यों का निर्वहन करने पर स्वतः मिलते हैं मौलिक अधिकार : जिला जज

-संविधान दिवस के उपलक्ष्य में अधिवक्ता परिषद द्वारा आयोजित हुई संगोष्ठी 

कर्तव्यों का निर्वहन करने पर स्वतः मिलते हैं मौलिक अधिकार : जिला जज

प्रतापगढ़, अमृत विचार : जिला बार एसोसिएशन के सभागार में  शुक्रवार को अधिवक्ता परिषद अवध प्रतापगढ़ इकाई के संयोजन में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी आयोजित की गई। डॉ.भीमराव आम्बेडकर व महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया गया। 

मुख्य अतिथि जिला सत्र न्यायाधीश अब्दुल शाहिद ने कहा कि भारतीय संविधान ने हमें अधिकार समाज में विभिन्न अधिकार दिए हैं। हमारा दायित्व व कर्तव्य है कि संविधान का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान के प्रावधान देश में लागू किए गए थे,लेकिन कुछ प्रावधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत करने के साथ ही लागू हुए थे। जब हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं तो हमें स्वतः मौलिक अधिकार मिल जाते हैं।

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विशिष्ट अतिथि  अपर सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमित पवार ने कोस-कोस में बदले पानी,चार कोस में बानी का उदाहरण देकर संविधान की मजबूती की बात कही। अति विशिष्ट अतिथि अपर सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी बाबू राम ने भी सम्बोधित किया।

प्रांतीय उपाध्यक्ष अनिल दूबे, जूबाए पुरातन के अध्यक्ष रोहित कुमार शुक्ल,नवनिर्वाचित अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, नवनिर्वाचित महामंत्री विवेक त्रिपाठी ने भी सम्बोधित किया।अध्यक्षता अध्यक्ष मनोज सिंह व संचालन वारिष्ठ अधिवक्ता आचार्य ओम प्रकाश मिश्र ने किया।।

इस दौरान वारिष्ठ अधिवक्ता राम मिलन शुक्ल, परिषद के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण मिश्र,महामंत्री शिवेश शुक्ल, किरण बाला सिंह,विभा पाण्डेय,  जया शर्मा, कुलवंत शर्मा,दीपू सिंह,रवि सिंह,अतुल सिंह,अजय ओझा, शिशिर शुक्ल, जूबाए पूर्व अध्यक्ष इंदू भाल मिश्र, पूर्व महामंत्री जेपी मिश्र,भरत लाल, उदित, सौरभ,विनीत सहित आदि मौजूद रहे।

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