CBFC ने फिल्म पठान के निर्माताओं से बदलाव करने को कहा, मध्यप्रदेश गृह मंत्री बोले- सेंसर बोर्ड का फैसला सराहनीय
सेंसर बोर्ड का फैसला सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जब फिल्म से जुड़ा मामला उनके संज्ञान में आया था तभी उन्होंने कहा था कि यह दूषित मानसिकता से बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है।
भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने फिल्म पठान के संदर्भ में आज कहा कि सेंसर बोर्ड का निर्णय सराहनीय है। डॉ मिश्रा ने अपने बयान में कहा कि सेंसर बोर्ड का फैसला सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जब फिल्म से जुड़ा मामला उनके संज्ञान में आया था तभी उन्होंने कहा था कि यह दूषित मानसिकता से बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है।
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रील लाइफ रियल लाइफ पर भी असर डालती है, इस बात का निर्माताओं को, निर्देशकों को और कलाकारों को, सभी को ध्यान रखना चाहिए। कई खबरों के मुताबिक सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने आज कहा कि बोर्ड ने फिल्म पठान पर उठे विवाद के बीच फिल्म के निर्माताओं को उसके विवादास्पद गाने समेत फिल्म के अन्य हिस्सों में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। पठान फिल्म के गाने 'बेशर्म रंग' के सामने आने के बाद इस पर लगातार विवाद हो रहा था। सोशल मीडिया पर इस फिल्म के बहिष्कार की भी लगातार अपील हो रही है।
CBFC ने फिल्म पठान के निर्माताओं से बदलाव करने को कहा
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेंसर बोर्ड ने शाहरुख खान अभिनीत फिल्म पठान के निर्माताओं को, उसमें गानों समेत कुछ बदलाव करने का निर्देश दिया है।
जोशी ने एक बयान में कहा कि सीबीएफसी ने फिल्म निर्माण कंपनी यशराज फिल्म्स से बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार फिल्म का संशोधित संस्करण जमा करने को कहा है। उन्होंने उन बदलावों के बारे में विस्तार से नहीं बताया जो निर्माताओं को करने के लिए कहे गये
फिल्म पठान इन दिनों विवाद में घिरी हुई है और 12 दिसंबर को इसके गीत बेशरम रंग के जारी होने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग उठने लगी। गीत के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में देखा जा सकता है जिसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किये गये और हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया।
जोशी ने एक मीडिया एजेंसी को दिये बयान में कहा कि फिल्म हाल में प्रमाणन के लिए सीबीएफसी अध्ययन समिति के पास पहुंची और सीबीएफसी दिशानिर्देशों के अनुसार संपूर्ण अध्ययन प्रक्रिया से गुजरी।
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