अयोध्या में सिर्फ भवन ही नहीं खिड़की दरवाजों के भी डिजाइन निर्धारित

अयोध्या में सिर्फ भवन ही नहीं खिड़की दरवाजों के भी डिजाइन निर्धारित

अमृत विचार, अयोध्या। अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने महायोजना 2031 के अंतर्गत कामन बिल्डिंग कोड को लागू किया है। इसके अंतर्गत फसाड (मुखौटा) गाइड लाइन का निर्धारण किया गया है। इस गाइड लाइन में व्यवसायिक, आवासीय व पुरातात्विक भवनों के लिए अलग-अलग रंगों का प्रावधान किया है। 

इसके साथ ही खिड़की व दरवाजे की भी डिजाइन को निर्धारित किया है। एडीए के नगर नियोजक गोर्की दीक्षित के मुताबिक इसके पीछे मुख्य उद्देश्य अलग-अलग संदर्भों में भवनों में एकरूपता दिखाई दे और शहर की रंग-बिरंगी छटा भी निखरे। इससे यहां आने वाले यात्रियों व पर्यटकों का आकर्षण भी बढ़े। 

फिलहाल कामन बिल्डिंग कोड के अन्तर्गत फसाड गाइड लाइन जन्मभूमि पथ , भक्ति व राम पथ के अलावा पंचकोसी एवं 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के भवनों पर भी लागू किया गया है। एडीए के वास्तुकारों व तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने फसाड गाइड लाइन के अनुसार ही मुखौटे की डिजाइन निर्धारित की है। यह डिजाइन भवनों की ऊंचाई व चौड़ाई के लिहाज से अलग-अलग तय की गयी है।

भक्ति पथ के निर्माणाधीन भवनों को मुखौटे के अनुसार दिया जा रहा आकार
जन्मभूमि पथ के चौड़ीकरण के बाद पथ का निर्माण शुरू कर दिया गया है। बिड़ला धर्मशाला से सुग्रीव किला व रामगुलेला होकर रामजन्मभूमि जाने वाले इस मार्ग पर पुरातात्विक महत्व के ही भवन हैं, जिन्हें भविष्य में भगवा रंग में रंगवाया जाएगा। फिलहाल भक्ति पथ का भी चौड़ीकरण हो चुका। 

करीब सात सौ मीटर लंबे इस मार्ग की चौड़ाई 14 मीटर तय की गयी थी। इस लिहाज से ध्वस्तीकरण के बाद अवशेष हिस्से में व्यापारी अपने दुकानों का निर्माण भी शुरू कर चुके हैं। इन पथ पर सभी व्यापारियों को मुखौटे की डिजाइन दी जा चुकी है जो कि उसी के अनुरूप निर्माण भी करा रहे है।

राम पथ पर भी मुखौटे की डिजाइन का वितरण शुरू
रामपथ के लिए चौड़ीकरण के बाद अब दुकानों व भवनों को बनाए जाने की तैयारी चल रही है। इसके चलते अयोध्या विकास प्राधिकरण की टीम मुखौटे की डिजाइन को सार्वजनिक कर दिया गया है। डिजाइन में आवासीय भवन के खम्भे और बाउंड्री वाल, व्यवसायिक भवन, कार्यालय के साथ राम पथ पर पड़ने वाले मठ मंदिरों के मुख्य द्वार की सूचनाएं साझा की गयी है।

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