मुरादाबाद : पैसा खत्म होने से नए भवन का निर्माण अटका,  2019 में मिली थी मंजूरी

अलविदा 2022 : बजट के कमी से इस साल भी नहीं मिल पाईं जीआईसी को नई कक्षाएं, 2019 में मिली थी मंजूरी...बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत मार्च 2022 तक पूरा होना था भवन निर्माण

मुरादाबाद : पैसा खत्म होने से नए भवन का निर्माण अटका,  2019 में मिली थी मंजूरी

राजकीय इंटर कालेज में धन के अभाव में अधूरा भवन निर्माण का कार्य ।

मुरादाबाद,अमृत विचार। शिक्षण संस्थानों को हाईटेक बनाने के भले ही दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जर्जर भवन और संसाधनों की कमी पोल खोल रही है। पैसे के अभाव में निर्माण कार्य भी अधर में है। शहर का राजकीय इंटर कॉलेज भी इसमें शामिल है। यहां कमरे और लाइब्रेरी की हालत ऐसी है कि कब ढह जाए पता नहीं। 2019 में नए भवन की स्वीकृति मिलने पर शिक्षकों और  विद्यार्थियों को बेहतरी की उम्मीद जगी, लेकिन शासन से बजट न मिलने से निर्माण बीच में लटक गया। 

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) के अंतर्गत शहर के राजकीय इंटर कालेज का भवन निर्माण होना था। 2019 में जीआईसी के नए भवन निर्माण के लिए 4 करोड़ 18 लाख 11 हजार रुपये की  परियोजना को शासन से स्वीकृति मिली थी। कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को पहली किस्त चालीस लाख रुपये की मिली। इससे भवन निर्माण शुरू हुआ। संस्था के सहायक अभियंता (एई) अम्बरीश कुमार ने बताया कि 2022 मार्च में भवन निर्माण कार्य पूरा होना था। कोरोना महामारी के चलते निर्माण में रुकावट आई। शासन से दो किस्तो में मिले 1.5 करोड़ रुपये से भवन का 40 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। विभाग के माध्यम से लगातार बजट मांगा जा रहा है, लेकिन अभी तक मिला नहीं। धन की कमी से कार्य बंद पड़ा है। उन्होंने बताया कि नए भवन में न केवल आधुनिक लैब होंगी बल्कि विज्ञान, एनसीसी और खेलों के लिए अलग कक्ष बनेंगे।

यह मिलनी हैं सुविधाएं
14 कक्ष, दो विज्ञान व एक गेम्स कक्ष, एनसीसी, बायोलॉजी, भौतिकी व रसायन विज्ञान की प्रयोगशालाएं, प्रधानाचार्य कार्यालय, स्टाॅफ कक्ष, स्टोर और आफिस के लिए एक-एक अलग कक्ष बनेंगे।

अटल टिंकरिंग लैब से भी वंचित
प्रधानाचार्य श्यामा कुमार का कहना है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एमएसडीपी योजना में विद्यालय का जीर्णोद्धार होना है। इसमें आधुनिक लैब निर्माण भी शामिल है। इसके चलते अटल टिंकरिंग लैब के लिए विद्यालय का चयन नहीं हुआ। अब बजट के अभाव में काम रुका है। 

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