बरेली: दावों में खाद भरपूर, किसान लाइन में लगने को मजबूर
यूरिया के लिए सुबह ही समितियों पर पहुंच रहे किसान, हो रही धक्का-मुक्की, निजी दुकानों पर खाद के मनमाने दाम वसूले जा रहे, अफसर खामोश
बरेली, अमृत विचार। रबी सीजन में फसलों की बुवाई तेज होने के साथ ही खाद व यूरिया की एकाएक मांग बढ़ गई है। अफसरों का दावा है कि जिले में खाद और यूरिया की कोई किल्लत नहीं है, मगर समितियों पर खाद का अभाव है। खाद के लिए किसान सुबह ही समितियों पर लाइन में लग जाते हैं।
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गुरुवार को भी भमोरा, बिथरी चैनपुर स्थित समितियों पर यूरिया के लाइन में लगे लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई। भीड़ से बचने और कई बार समितियों पर खाद नहीं मिलने पर किसानों को मजबूरी में निजी दुकानों से यूरिया खरीदनी पड़ रही है। ऐसे वक्त में दुकानदार भी किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए मनमाने दाम वसूल रहे हैं।
आरोप है कि कमाई के फेर में ओवर रेटिंग करने में लगे दुकानदार इस बार भी बेलगाम हैं। ऐसे में खाद की कालाबाजारी रोकना किसी चुनौती से कम नहीं है। किसानों ने कई बार दुकानदारों की शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गई।
दो कट्टे लेने पर नैनो यूरिया जबरदस्ती दी जा रही है। जिसकी कीमत 240 रुपये है, यदि वह कामयाब होती तो लेने में कोई समस्या नहीं होती। खाद और यूरिया लेने के लिए भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। -रवि, केसरपुर
प्राइवेट खाद की दुकानों पर मनमाने दाम वसूल रहे हैं। वहीं समिति पर 240 रुपये की नैनो यूरिया की बोतल किसानों को जबरन थमाई जा रही है। मना करने पर खाद देने से इंकार कर दिया जाता है। -प्रेमराज, लिलौरी
हमने खेत में 40 बीघा गेहूं की फसल की है। जरूरत पड़ने पर सोसाइटी में खाद उपलब्ध नहीं थी, दो कट्टे खाद ब्लैक में खरीदी। खाद की कमी से फसल में काफी नुकसान है और पैदावार कम होगी। -सोनू, ग्राम कूड्डा
10 बीघा गेहूं की फसल की है, लेकिन समय पर कभी भी समितियों पर यूरिया नहीं मिली। इसके चलते जरूरत पड़ने पर प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम में यूरिया खरीदनी पड़ती है। - नत्थूलाल, भमोरा
यूरिया की कहीं कोई किल्लत नहीं है। सभी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया भेजी जा चुकी है। अगर कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच कराई जाएगी। मामला सही पाया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। - डा. राजेश कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, कृषि विभाग
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