सेबी ने सात कृषि जिंस में डेरिवेटिव कारोबार पर रोक एक साल के लिए और बढ़ाई
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं और मूंग समेत सात कृषि जिंसों के वायदा एवं विकल्प कारोबार पर रोक एक साल के लिए और दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दी है। सेबी द्वारा जिन अन्य कृषि जिंसों पर रोक लगाई गई है उनमें धान (गैर-बासमती), चना, कच्चा पाम तेल, सरसों बीज और उनके उत्पाद और सोयाबीन शामिल हैं।
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सेबी ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘इन अनुबंधों में कारोबार पर रोक 20 दिसंबर, 2022 से एक और वर्ष यानी 20 दिसंबर, 2023 तक के लिए बढ़ा दी गई है।’’ बाजार नियामक ने महंगाई पर अंकुश के लिए दिसंबर, 2021 को एक्सचेंजों को सोयाबीन, सरसों, चना, गेहूं, धान, मूंग और कच्चे पाम तेल के नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू करने से रोक दिया था।
ये निर्देश एक साल के लिए लागू थे। इस महीने की शुरुआत में कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने सरकार और सेबी से आग्रह किया था कि एक्सचेंजों को इन सात कृषि डेरिवेटिव अनुबंधों में कारोबार फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए। सीपीएआई ने वित्त मंत्रालय और सेबी को लिखे पत्र में कहा था कि लंबे समय तक प्रतिबंध भारतीय जिंस बाजार परिवेश के लिए हानिकारक है।
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