कांग्रेस ने संसद सत्र का कार्यक्रम तय करते समय क्रिसमस जैसे त्योहार को ध्यान में रखे : अधीर रंजन चौधरी
नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि सरकार को संसद सत्र का कार्यक्रम तय करते समय क्रिसमस सहित त्योहारों का ध्यान रखना चाहिए, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह शीतकालीन सत्र की अवधि में कटौती की मांग नहीं कर रहे हैं।
संसद सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे देश में हिन्दू और मुसलमानों के अलावा ईसाई धर्म के लोग रहते हैं और उनका त्योहार क्रिसमस देश में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार को सत्र का कार्यक्रम निर्धारित करते हुए इस त्योहार (क्रिसमस) का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव अपनी जगह है और सत्र अपनी जगह है। समझा जाता है कि कांग्रेस नेता का संकेत एक दिसंबर और पांच दिसंबर को गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव की ओर था।
चौधरी ने कहा, हमारा कहना है कि सत्र का कार्यक्रम तय करते समय त्योहार का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन हम कतई यह नहीं कह रहे हैं कि सत्र को छोटा किया जाए। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह 29 दिसंबर तक चलेगा।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में क्रिसमस का त्योहार आता है। इस बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि क्रिसमस को नजरंदाज करने का आरोप बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी निंदा करते हैं। जोशी ने कहा कि चुनाव हमारे देश में त्योहार की तरह हैं और हाल ही में दो महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव हुए हैं।
उन्होंने कहा कि क्रिसमस इस बार रविवार को आ रहा है और अगर कोई आग्रह आता है, तब 26 दिसंबर को छुट्टी के लिये कार्य मंत्रणा समिति में विषय को रख सकते हैं। लेकिन इसके बाद एक अतिरिक्त दिन बैठक करनी होगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार का काम तो होना चाहिए।
चौधरी ने यह भी कहा कि देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और सिर्फ चर्चा करना चाहता है, ऐसे में सरकार को चर्चा के लिये पर्याप्त समय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सत्र में 17 दिन बैठक होगी और इसमें 24 विषय रखे जायेंगे, ऐसे में चर्चा के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए।
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