अयोध्या : रामराज्य दिग्विजय रथ यात्रा के साथ संतों ने की रामकोट की परिक्रमा

अयोध्या : रामराज्य दिग्विजय रथ यात्रा के साथ संतों ने की रामकोट की परिक्रमा

अमृत विचार, अयोध्या। रामनगरी पहुंची रामराज्य दिग्विजय यात्रा ने शुक्रवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर की परिक्रमा किया। परिक्रमा के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 3 सूत्री मांगे भी रखी हैं।

इस यात्रा की अगुवाई कर रहे शांतानंद महाराज ने बताया कि पांच अक्टूबर को विजयदशमी के अवसर पर इस यात्रा का प्रारंभ हुआ था। दो महीने में भारत के 27 राज्य और नेपाल के पांच राज्यों की यात्रा के बाद हम यहां अयोध्या पहुंचे हैं। आज दिग्विजय यात्रा के संकल्प में रामकोट परिक्रमा की है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य पुनः राम राज्य की स्थापना है। 

तीन प्रमुख मुद्दों को लेकर  रथयात्रा चली थी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण चल रहा है लेकिन सिर्फ इससे ही रामराज्य की स्थापना नहीं हो पाएगी। अगली पीढ़ियों को रामायण सिखाना है। इसलिए भारत की शिक्षा में रामायण को शामिल करना होगा। इसकी मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हैं। वही हमारा देश भी दो तीन नामों से जाना जाता है लेकिन अभी भी आजादी के बाद हमारे सरकारी अभिलेखों व पासपोर्ट व अन्य पहचान पत्रों में इंडियन भरा जा रहा है।

हम लोग इंडियन नहीं है हमारा देश भारत है और हम भारतवासी हैं। यह नाम आक्रमणकारी लोगों के द्वारा दिया गया। इसलिए इन अभिलेखों में भी भारतीय लिखा जाए। वहीं तीसरा मांग है कि जो इतिहास आज पढ़ा जा रहा है वह वास्तव में भारत का वास्तविक इतिहास नहीं है वह सिर्फ आक्रमणकारियों का इतिहास है। 

मुगल शासकों के इतिहास को पढ़ाया जाता है लेकिन कहीं पर भी भगवान राम और भगवान कृष्ण का इतिहास नही पढ़ाया जाता। लाखों राम भक्त, संत और धर्माचार्य ने देश के मुक्ति के साथ स्वतंत्रता के लिए और राम जन्मभूमि के लिए लड़ाई लड़ी है और अपना जीवन बलिदान किया है। उन लोगों का भी इतिहास हमारी शिक्षा में शामिल करना होगा।

 

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