बरेली: अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विशेष ::: कुदरत ने दी मार, लेकिन अजय ने नहीं मानी हार

 कोविड महामारी में विभाग ने दी सर्विलांस टीम की जिम्मेदारी, मरीजों की सुनी लताड़, लेकिन अजय 3 साल से निभा रहे जिम्मेदारी, मूलत: बेसिक शिक्षा विभाग में हैं तैनात

बरेली: अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विशेष ::: कुदरत ने दी मार, लेकिन अजय ने नहीं मानी हार

बरेली, अमृत विचार, अंकित चौहान। दिव्यांगता एक दंश जरूर हो सकता है लेकिन हौसला हो तो इसको भी प्रेरणा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ही हौसले से सफलता का सफर तय कर रहे हैं बेसिक शिक्षा विभाग के प्रधानाध्यापक अजय आनंद।

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शहर के मिनी बाईपास निवासी अजय एक पैर से दिव्यांग हैं, उनके पिता अनिल कुमार ने बचपन से ही अजय को सामान्य लोगों की तरह जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। हालांकि समाज में उन्हें कई बार दिव्यांगता को लेकर तंज भी सुनने को मिले लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। परिणाम स्वरूप अजय ने वर्ष 2009 में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनाती मिली।

कोविड काल में निभाई अहम भूमिका: करीब तीन साल पहले जब कोविड का प्रकोप शुरू हुआ तो प्रशासन ने 26 जून वर्ष 2020 में उन्हें कोविड सर्विलांस टीम का सदस्य बनाया गया। इस टीम में 30 से अधिक सदस्य थे लेकिन सर्विलांस प्रभारी डा. अनुराग गौतम ने अजय आनंद को टीम का प्रमुख सदस्य नामित कर दिया।

अजय बताते हैं कि कोविड सर्विलांस के दौरान संक्रमितों को इलाज के साथ ही उन्हें पारिवारिक सदस्य की तरह बचाव करने और न घबराने का मंत्र भी दिया। कई बार संक्रमितों ने गुस्से में अजय को अपशब्द तक बोले लेकिन वह अपना कर्म करने में आज भी जुटे हुए हैं।

कोविड काल में उनकी जिम्मेदारी को देखते हुए उन्हें कोका कोला फाउंडेशन और भारतीय जनता पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ की ओर से भी सम्मानित किया गया है। वहीं कलर्स टीवी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम एक नई जिंदगी में उन्हें कोविड कार्य की वीडियो प्रस्तुति की गई है।

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