भारत आज तेजी के विकसित देश की तरह आगे बढ़ रहा है: रामनाथ कोविंद

भारत आज तेजी के विकसित देश की तरह आगे बढ़ रहा है: रामनाथ कोविंद

सहारनपुर। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को सहारनपुर जनमंच और राजेंद्र अटल चिकित्सा केंद्र प्रकृति कुंज में आयोजित दो अलग-अलग समारोह में कहा कि भारत आज तेजी के विकसित देश की तरह आगे बढ़ रहा है। भारत की हर बात को वैश्विक मंच पर गौर से सुना और माना जा रहा है। देश की यही स्थिति उसके विश्व गुरु होने का प्रमाण है।

रामनाथ कोविंद ने विश्व के 20 आर्थिक संपन्न देशों के जी-20 समूह की अध्यक्षता भारत को मिलने को बड़ी उपलब्धि करार दिया है। हाल ही में इंडोनेशिया में संपन्न हुए जी-20 समूह की अध्यक्षता वहां के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भारत को सौंपी है। भारत एक दिसंबर से एक साल के लिए जी-20 समूह का अध्यक्ष बन जाएगा।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि नौ माह से युद्धरत रूस और यूक्रेन दोनों के शासनाध्यक्ष राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर वहां फंसे 10 हजार से ज्यादा छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए युद्धविराम कर अभूतपूर्व काम किया। यह आज विश्व में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रतीक है।

रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना संकट के समय को छोड़कर ढाई वर्षों में उन्होंने बतौर राष्ट्रपति विश्व के 33 देशों की यात्रा की। उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा के दौरान तीन-चार देशों को छोड़कर बाकी देशों के शासनाध्यक्ष उनकी अगवानी को हवाई अड्डों पर पहुंचे और उनकी कार में उनके साथ बैठने को उन्होंने अपना सौभाग्य माना।

यह भारत के दुनिया में बढ़ते वर्चस्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व में भारत का सम्मान बढ़ रहा है। यह भारत का स्वर्णकाल है और भारत विश्व गुरु बन गया है। पूर्व राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद भी उनके साथ रहीं। कोविंद ने कहा कि योग, प्राणायाम और प्रकृति पर आधारित जीवन पद्धति भारत की पांच हजार साल पुरानी परंपरा है, जिसे साम्यवादी देशों समेत विश्व के सभी देशों ने अपना लिया है।

कोरोना संकट की चुनौती का भारत ने अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्रकृति पर आधारित जीवन के जरिए बेहतर ढंग से सामना किया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से दूरी बनाने से कोरोना जैसी महामारियों को पैदा करती है। अभी तो सौ साल के अंतराल पर इस महामारी में मानव को संभालने की चेतावनी दी है। उसका इशारा है कि आप ज्यादा से ज्यादा प्रकृति के करीब रहें। यदि अभी भी हम नहीं माने, तो हो सकता है कि 50 साल के अंतराल पर यह बीमारी फिर दस्तक दे दे।

पूर्व राष्ट्रपति ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रकृति से अद्भुत सांमजस्य बनाकर रखने और उसका देश और दुनिया में भरपूर प्रचार करने का काम किया। इसी तरह जैन धर्मावलंबियों के साथ-साथ गांवों में अभी भी लोग सूर्योदय से पहले अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं और सूर्यास्त होने पर पूरी कर लेते हैं। ऐसा करके मनुष्य ज्यादा स्वस्थ और दीर्घजीवी हो सकता है।

उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक राजेंद्र अटल से अपने करीबी संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि वह प्रकृति कुंज में प्रकृति के निकट रहने का आनंद उठा चुके हैं। वह राष्ट्रपति पद के पांच साल और बिहार के राज्यपाल पद पर रहने की व्यस्तताओं के सात साल बाद सहारनपुर आए हैं, जहां उन्होंने कल अपने पारिवारिक घनिष्ठ शोभित यूनिवर्सिटी के मालिक कुंवर शोभित और कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र के गंगोह स्थित विश्वविद्यालय में कुछ वक्त गुजारा और रात्रि विश्राम भी वहीं किया।

कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश उनका गृह राज्य है और जब भी वह यहां आते हैं तो कुछ न कुछ संवेदनाओं को साथ में लेकर आते हैं। उन्होंने पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे जनमंच में नगर निगम और मोक्षायतन योग संस्थान में आयोजित समारोह में पंडित विश्वंभर सिंह द्वार और मार्ग का लोकार्पण किया। उन्होंने समरोह के आयोजक योग गुरु पद्मश्री भारत भूषण, उनकी पुत्री योग संस्थान की निदेशक आचार्या प्रतिष्ठा और निगम के मेयर संजीव वालिया को यहां बुलाने के लिए धन्यवाद
दिया।

उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व योगाचार्य भारत भूषण से उनकी भेंट सूरीनाम में विदेश यात्रा के दौरान योग दिवस के अवसर पर हुई थी, जिसमें वहां के राष्ट्राध्यक्ष ने भी उनके साथ योग क्रियाएं की थी।प्रदेश के उद्योग राज्यमंत्री जसवंत सैनी, सांसद प्रदीप चौधरी, विधायक राजीव गुंबर एवं मुकेश चौधरी, जिलाधिकारी अखिलेश सिंह आदि अनेक गणमान्य शख्सियतों ने पूर्व राष्ट्रपति का सम्मान किया। 

प्रकृति कुंज में पूर्व राष्ट्रपति ने राजेंद्र अटल के पिता दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी पूरण चंद आर्य को नमन किया। समारोह में उत्तराखंड के पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, पूर्व विधायक लाजकृष्ण गांधी, शशिबाला पुंडीर, डॉ मामचंद लांबा, सुरेंद्र शर्मा, रिमाउंट डिपो के कर्नल विनोद कुमार, राज्य मंत्री जसवंत सैनी, सांसद प्रदीप चौधरी और कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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