Jio को रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण के लिए मिली NCLT की मंजूरी

Jio को रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण के लिए मिली NCLT की मंजूरी

जियो ने रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए छह नवंबर को एक एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था। रिलायंस इन्फ्राटेल दरअसल दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही है।

मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस इन्फ्राटेल (आरआईटीएल) के अधिग्रहण के लिए रिलायंस जियो को सोमवार को मंजूरी दे दी। एनसीएलटी ने जियो को आरकॉम के टावर और फाइबर संपत्तियों के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा है। 

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जियो ने रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए छह नवंबर को एक एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था। रिलायंस इन्फ्राटेल दरअसल दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही है।

उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर, 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी अनुषंगी की टावर और फाइबर संपत्तियां हासिल करने के लिए 3,720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। 

ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने जियो की समाधान योजना को चार मार्च, 2020 को शत प्रतिशत मत के साथ मंजूरी दे दी थी। आरआईटीएल के पास देश भर में लगभग 1.78 लाख रूट किलोमीटर की फाइबर संपत्ति और 43,540 मोबाइल टावर है। 

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