...यहां तो तस्वीरें ही बता रहीं जिला अस्पताल का हाल 

...यहां तो तस्वीरें ही बता रहीं जिला अस्पताल का हाल 

अमृत विचार, अयोध्या। अयोध्या का जिला अस्पताल। जहां रोगी राम भरोसे हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। एक दिन पहले ही महिला अस्पताल परिसर में लावारिस के शव को कुत्तों द्वारा नोचने का मामला सामने आया था। अब एक और बुरी तस्वीर सामने आई है। जहां व्हीलचेयर और स्ट्रेचर आराम फरमा रहे हैं, और मरीजों को तीमारदार कंधों पर लादकर ले जा रहे हैं। भले ही अयोध्या का स्वास्थ्य महकमा सीमित संसाधनों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करता हो, लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई हैं।

केस-1

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पहली तस्वीर जिला अस्पताल के आर्थो वार्ड की है, जहां प्लास्टर रूम से पैरों में प्लास्टर लगा होने के बाद भी उसे व्हीलचेयर या स्ट्रेचर नसीब नहीं हुआ। अपने पैरों पर न चल पाने के कारण मरीज के साथ आए दो लोग उसे खुद ही सहारा देते हुए बाहर ले जा रहे हैं। 

केस-2

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वहीं दूसरी तस्वीर जिला अस्पताल के मुख्य द्वार की है, जहां एक महिला हाथों में युरिन बैग लेकर वार्ड में जा रही है, लेकिन इसके बावजूद उसे भी न तो व्हीलचेयर नसीब हुआ और न ही स्ट्रेचर। स्थिति यह थी कि उसके साथ मौजूद दो अन्य महिला मजबूरन उसे सहारा देकर वार्ड में ले जाती नजर आईं। 

केस-3

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तीसरी तस्वीर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर रखे स्ट्रेचर व व्हीलचेयर की है। जिला अस्पताल में संसाधन मौजूद होने के बाद भी लोगों को सुविधा न मिले यह हस्यास्पद है। अब सवाल यह उठता है कि संसाधन मौजूद होने के बाद भी इसे खींचने वाला कर्मचारी नहीं हैं या फिर कोई और बात यह तो अस्पताल प्रशासन ही बता सकता है।

बोले जिम्मेदार 
सभी तरह की सुविधा उपलब्ध है।  यदि आऊट डोर में आया मरीज व्हीलचेयर व स्टैचर की जरूरत बताता है तो मिलती है। वार्ड में भर्ती मरीजों को यह सुविधा दी जाती है। अक्सर लोग खुद ही चले जाते हैं तो इसमें अस्पताल प्रशासन की क्या लापरवाही।

 डा सीबीएन त्रिपाठी, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल, अयोध्या

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