भारत में निवेश

विश्व स्तर पर निवेशक समुदाय असमंजस में है। इस बीच विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर भी कोई सकारात्मक पूर्वानुमान नहीं जताए जा रहे। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत तेजी से आर्थिक वृद्धि कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और दुनिया इस बात को मान रही है। देश इस समय जिस ऊंचाई पर …
विश्व स्तर पर निवेशक समुदाय असमंजस में है। इस बीच विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर भी कोई सकारात्मक पूर्वानुमान नहीं जताए जा रहे। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत तेजी से आर्थिक वृद्धि कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और दुनिया इस बात को मान रही है। देश इस समय जिस ऊंचाई पर है यहां से निरंतर आगे ही बढ़ना है।
मजबूत होती अर्थव्यवस्था के कारण विदेशी निवेशक देश में पूंजी निवेश को आतुर हैं। पिछले वर्ष भारत ने करीब 84 अरब डालर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया था। तमाम देश इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़ें मजबूत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत इस समय अपने विकास को दुनिया के विकास में सहायक बनाने की प्रेरणा के साथ काम कर रहा है।
यह दौर भले ही वैश्विक आर्थिक संकट का दौर है लेकिन दुनिया के विशेषज्ञ विश्लेषक और अर्थव्यवस्था के जानकार भारत को अनुकूल जगह बता रहे हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था की जड़ों की मजबूती के लिए लगातार काम कर रहे हैं ताकि देश की अर्थव्यवस्था दिनों दिन और मजबूत हो।
दरअसल जब दुनिया कोरोना महामारी के प्रभाव से उबर रही थी। भारत ने इसे अवसर और चेतावनी दोनों रूप में देखा। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई और उसका असर निवेश की रफ्तार पर भी दिख रहा है। सरकार तो बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पहले से ही निवेश बढ़ा रही है। आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।
प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है। इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या वर्ष 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना में शामिल कर दिया जाएगा।
दुनिया में यह बात स्वीकृत है कि सतत विकास के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है। यह योजना सरकारी प्रक्रियाओं और हितधारकों को साथ लाती है। इससे पूर्व देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। सरकार को दिन रात काम करके आकर्षक वित्तीय योजनाएं पेश करनी चाहिए जो प्रतिफल की चाह में आ रही पूंजी का देश में नई योजनाओं और निर्माण में निवेश सुनिश्चित कर सकें।