पांच साल के शोध में मिली कामयाबी : सीएसए ने विकसित की खीरे की नई प्रजाति

पांच साल के शोध में मिली कामयाबी : सीएसए ने विकसित की खीरे की नई प्रजाति

अमृत विचार, कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सब्जी विभाग ने खीरे की नई प्रजाति विकसित की है। आजाद अगेता नाम की यह प्रजाति 10 वर्षों बाद विकसित हुई है। सब्जी अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. डीआर सिंह के मार्गदर्शन में यह संभव हो सका। बताया कि …

अमृत विचार, कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सब्जी विभाग ने खीरे की नई प्रजाति विकसित की है। आजाद अगेता नाम की यह प्रजाति 10 वर्षों बाद विकसित हुई है।

सब्जी अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. डीआर सिंह के मार्गदर्शन में यह संभव हो सका। बताया कि फसल बुवाई के 35 दिन बाद पहली तुड़ाई शुरू हो जाती है। 60 दिनों में फसल पूर्ण हो जाती है।

इनके फलों का आकार मध्यम तथा औसत वजन 230 से 240 ग्राम के मध्य रहता है। पौधों की कम लंबाई के चलते अन्य प्रजातियों की तुलना में लगभग 60 फीसदी फलों की संख्या अधिक होती है। जिससे उत्पादन 250 कुंतल प्रति हेक्टेयर लिया जा सकता है।

इस प्रजाति को विकसित करने में कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव, के पी सिंह, एमआर डबास, एच जी प्रकाश और डॉ. एसपी सचान संयुक्त टीम ने पांच वर्षों के निरंतर शोधों के परिणाम स्वरुप विकसित की गई है।

उन्होंने कहा कि खीरे की यह प्रजाति ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतु दोनों ही मौसम में उगा कर किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर स्वावलंबी बन सकते हैं।

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