बरेली: भीड़ के कारण हजारों जायरीन नहीं पहन सके जूते-चप्पल, दरगाह के बाहर लगा अंबार
बरेली, अमृत विचार। उर्स-ए-रजवी में आए जायरीन अगले साल उर्स में शिरकत का इरादा लिए रवाना हो गए। जायरीन की वापसी का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा, लेकिन उर्स-ए-रजवी के मौके पर दरगाह पर जियारत के लिए आए हजारों जायरीन के जूते-चप्पल दरगाह के बाहर ही रह गए। हजारों की संख्या में जायरीन जूते …
बरेली, अमृत विचार। उर्स-ए-रजवी में आए जायरीन अगले साल उर्स में शिरकत का इरादा लिए रवाना हो गए। जायरीन की वापसी का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा, लेकिन उर्स-ए-रजवी के मौके पर दरगाह पर जियारत के लिए आए हजारों जायरीन के जूते-चप्पल दरगाह के बाहर ही रह गए। हजारों की संख्या में जायरीन जूते चप्पल भीड़ के कारण नहीं पहन सके। दरअसल, उर्स के समय दरगाह पर मेन गेट से प्रवेश होता है और पीछे के गेट से निकास। इस कारण वापसी में जायरीन जूता-चप्पल पहन नहीं पाते हैं।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स-ए-रजवी पर हर साल यही स्थिति होती है। उन्होंने बताया कि जायरीन नम आंखों के साथ दरगाह पर आखिरी सलामी देने व दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां से इजाजत लेकर इस उम्मीद के साथ रवाना हुए कि अगले साल उर्स में फिर शिरकत करने पहुंचेंगे। सिलसिला-ए-आलिया कादरिया रजविया के बुजुर्ग सुब्हानी मियां व अहसन मियां से भारी संख्या में जायरीन मुरीद हुए।
उर्स की कामयाबी और अमन ओ सुकून के साथ कुल संपन्न होने पर टीटीएस की टीम ने मुफ्ती सलीम नूरी व मौलाना जाहिद रजा की कयादत में दरगाह पर गुलपोशी व फातिहाख्वानी कर दुआ की। सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने उर्स में खिदमत करने वाले सभी वालिंटियर, लंगर करने वालों समेत प्रशासन व मीडिया का शुक्रिया अदा किया। राशिद अली खान, अजमल नूरी, शाहिद नूरी, नासिर कुरैशी, हाजी जावेद खान, परवेज नूरी, औररंगजेब नूरी, ताहिर अल्वी, सैयद फैजान अली, शान रजा आदि मौजूद रहे।
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