मथुरा: मेला आचार्य पं. मोर मुकुट शास्त्री ने रामलीला करने वाले कलाकारों से कराया नांन्दिमुख श्राद्ध
मथुरा/कोसीकलां, अमृत विचार। रामलीला संस्थान के तत्वावधान में आयोजित होने वाले एतिहासिक श्रीराम-भरत-मिलाप मेले में अभिनय करने वाले सभी पात्रों ने अपने निर्देशक के साथ रत्नागर सागर किनारे मां पथवारी मंदिर पर दुग्धाभिषेक अभियन की सफलता की मनौती मांगी। साथ ही मेला आचार्य पं. मोर मुकुट शास्त्री ने रामलीला निर्देशक मास्टर सत्यनारायण समेत रामलीला में …
मथुरा/कोसीकलां, अमृत विचार। रामलीला संस्थान के तत्वावधान में आयोजित होने वाले एतिहासिक श्रीराम-भरत-मिलाप मेले में अभिनय करने वाले सभी पात्रों ने अपने निर्देशक के साथ रत्नागर सागर किनारे मां पथवारी मंदिर पर दुग्धाभिषेक अभियन की सफलता की मनौती मांगी। साथ ही मेला आचार्य पं. मोर मुकुट शास्त्री ने रामलीला निर्देशक मास्टर सत्यनारायण समेत रामलीला में अभिनय करने वाले सभी पात्रों से नांन्दिमुख श्राद्ध कराकर उन्हें 21 दिनों तक सभी प्रकार के सूतक से मुक्त किया।
पं. मोर मुकुट शास्त्री ने बताया कि विष्णु पुराणमें नांन्दिमुख श्राद्ध का उल्लेख हैं। नान्दिमुख श्राद्ध करने के उपरांत सभी प्रकार के सूतक पातकों से मुक्ति मिल जाती है। रामलीला मंचन के दौरान यदि किस पात्र के घर में कोई शुभ या अशुभ कार्य होता है तो वह सूतक से मुक्त रहेगा। इसीलिए प्रतिवर्ष रामलीला में पात्र करने वाले सभी कलाकारों से नांन्दिमुख श्राद्ध कराया जाता है।
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