अब 15 साल पुराने वाहन भी सड़कों पर भर सकेंगे फर्राटा, 13 दिसंबर तक करा सकते हैं दोबारा पंजीयन
मुरादाबाद,अमृत विचार। 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके दोपहिया और चार पहिया वाहनों का अब दोबारा पंजीकरण होगा। इसके लिए तय शुल्क देकर 13 दिसंबर तक पुन: पंजीयन करा सकते हैं। पुराने वाहनों का फिर से पंजीकरण न कराने वाले वाहन स्वामियों को जुर्माना देना होगा। 15 वर्ष पुराने वाहनों का पुन: पंजीयन कराए …
मुरादाबाद,अमृत विचार। 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके दोपहिया और चार पहिया वाहनों का अब दोबारा पंजीकरण होगा। इसके लिए तय शुल्क देकर 13 दिसंबर तक पुन: पंजीयन करा सकते हैं। पुराने वाहनों का फिर से पंजीकरण न कराने वाले वाहन स्वामियों को जुर्माना देना होगा। 15 वर्ष पुराने वाहनों का पुन: पंजीयन कराए बिना उनके संचालन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। पुन: पंजीयन के बिना ऐसे वाहनों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। क्योंकि इससे जनहित को खतरा पैदा होता है।
दिल्ली व उससे सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से पुराने वाहनों को सस्ते दामों पर खरीद कर जिले में भी लोग ला रहे थे। इससे पर्यावरण प्रदूषण के खतरे और मानव जीवन पर संकट को देखते हुए अब स्थानीय प्रशासन भी सख्त हो
गया है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) छवि सिंह का कहना है कि संभागीय परिवहन कार्यालय ने इस वर्ष 26 मार्च को कई सीरीज के वाहनों का दोबारा पंजीयन निलंबित कर दिया गया है।
पंजीकृत सीरीज यूपी 21-डब्ल्यू के जिन वाहनों के पंजीकरण का समय बीत गया है उसे भी तीन महीने के लिए निलंबित किया गया है। यदि यह छह महीने तक रहा तो फिर वाहन का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाता है। उनका कहना है कि यदि निलंबित किए गए वाहन संचालन के लायक हों तो पंजीयन अधिकारी के सामने वाहन प्रस्तुत करके पंजीयन निलंबन खत्म करा लें। इसके बाद उसका दोबारा पंजीयन कराकर ही चलाएं।
दोबारा पंजीकरण के लिए यह है शुल्क
एआरटीओ प्रशासन के अनुसार एक अप्रैल से मोटर साइकिल के लिए 1400 रुपये एवं कार के लिए 5800 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। नवीनीकरण में देर पर बाइक स्वामियों को 300 और कार स्वामियों को 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से जुर्माना भी देना होगा।
इस सीरीज के वाहन दायरे में
जिले में पंजीकृत सीरीज यूएचसी, यूएमसी, यूएमजे, यूटीयू, यूपी-21, यूपी21-ए,बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच, जे, के, एल, एम, पी, क्यू, आर, एस, टी यू और वी (जिन निजी वाहनों की एओसी पहले ही दूसरे जनपदों व राज्यों को भेजी दी गई है। यदि ऐसे वाहन से कोई दुर्घटना आदि होती है, उसका पूर्ण उत्तरदायित्व वाहन स्वामी का होगा।
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