लखनऊ: देवबंद ने दिया बड़ा सन्देश, मौलाना अरशद मदनी ने कहा- मदरसों के सर्वे से हमें कोई आपत्ति नहीं

लखनऊ: देवबंद ने दिया बड़ा सन्देश, मौलाना अरशद मदनी ने कहा- मदरसों के सर्वे से हमें कोई आपत्ति नहीं

लखनऊ, अमृत विचार। इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे के मामले में अपना रुख स्पष्ट करते हुए सरकार के फैसले की तारीफ़ की है। यही नहीं, मदरसा संचालकों को सर्वे में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराये जाने …

लखनऊ, अमृत विचार। इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे के मामले में अपना रुख स्पष्ट करते हुए सरकार के फैसले की तारीफ़ की है। यही नहीं, मदरसा संचालकों को सर्वे में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराये जाने का फैसला होते ही रविवार को दारुल उलूम ने सहारनपुर के देवबंद स्थित मस्जिद रशीद में मदरसा संचालकों का सम्मेलन किया।

सम्मेलन में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सरकार द्वारा कराए जा रहे मदरसों के सर्वे से हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले की तारीफ़ करते हैं। वैसे इस सम्मेलन से मीडिया को दूर रखा गया लेकिन सम्मेलन के बाद मौलाना अरशद मदनी और दारुल उलूम देवबंद के अन्य जिम्मेदारों ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर इस मुद्दे पर अपना रुख साफ़ किया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सर्वे की जो तस्वीर अभी तक सामने आई है, वह सही तस्वीर है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर मदरसों के बारे में जानकारी जुटाना चाहती है तो मदरसा संचालक सर्वे टीम का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि जब मदरसों में कुछ भी गलत नहीं हो रहा है तो फिर छुपाने की क्या जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मदरसे देश के संविधान के अनुसार चलते हैं। इसके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। सर्वे करने वाले अधिकारी जो जानकारी मांगें, उसे मदरसा संचालक मुहैया कराएं। मदरसे से सम्बन्धित दस्तावेज वह मुकम्मल रखें और जांच में पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि कोई भी मदरसा देश के संविधान के खिलाफ नहीं है। अगर कोई एक दो मदरसे सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं तो इसके लिए पूरे मदरसा तंत्र पर आरोप लगाना सही नहीं होगा। मौलाना मदनी ने कहा कि मदरसा संचालकों को इसलिए भी डरने और घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि मदरसों ने देश की आजादी और राष्ट्र के निर्माण में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने मीडिया और अधिकारियों से भी मदरसों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने को कहा। सम्मेलन में सर्वे के सम्बन्ध में 12 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया है। ।

15 अक्टूबर तक होना है सर्वे
प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को प्रदेश में संचालित हो रहे सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला किया था। इस सर्वे के लिए 10 सितम्बर तक सर्वे टीम बनाने, 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच सर्वे करने और 25 अक्टूबर तक सरकार को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। सरकार के इस फैसले के बाद दारुल उलूम देवबंद ने इसे सरकार का गैर जरूरी हस्तक्षेप करार देते हुए अपनी रणनीति तय करने के लिए देवबंद में प्रदेश के सभी मदरसों के प्रबन्धन और संचालन समितियों का सम्मेलन बुलाया था लेकिन सर्वे टीम ने प्रदेश के सबसे बड़े मदरसे लखनऊ के नदवतुल उलेमा से 15 सितम्बर को सर्वे की शुरुआत कर यह स्पष्ट कर दिया कि सहयोग मिलेगा तो सर्वे टीम किसी को परेशान नहीं करेगी।

गैर मान्यता प्राप्त 16 हजार मदरसे हो रहे संचालित
यूपी में 16 हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं। दारुल उलूम देवबंद की देखरेख में भी 240 मदरसे संचालित हो रहे हैं। नदवतुल उलेमा के सर्वे को देखने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने भी अपनी रणनीति बदली और इस सर्वे में सर्वे टीम का सहयोग करने का मन बना लिया। सम्मेलन में देवबंद ने सभी मदरसा संचालकों और प्रबंधकों से सर्वे टीम का सहयोग करने को कहा है।

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