जो आज तक नहीं हुआ वो अब होगा, RSS के प्रोग्राम में पहली बार महिला की एंट्री
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 5 अक्टूबर को नागपुर में होने वाले अपने विजयादशमी उत्सव के लिए पद्मश्री पर्वतारोही संतोष यादव को आमंत्रित किया है। यह पहली बार होगा जब कोई महिला आरएसएस के इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होगी। हरियाणा निवासी 54-वर्षीय यादव दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को …
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 5 अक्टूबर को नागपुर में होने वाले अपने विजयादशमी उत्सव के लिए पद्मश्री पर्वतारोही संतोष यादव को आमंत्रित किया है। यह पहली बार होगा जब कोई महिला आरएसएस के इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होगी। हरियाणा निवासी 54-वर्षीय यादव दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को 2 बार फतह कर चुकी हैं। बता दें कि संतोष यादव मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। वह दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिला हैं। उन्हें 2000 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
गौरतलब है कि यह पहली बार होगा जब कोई महिला संघ के दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगी। महिला मतदाताओं के बीच अपनी बैठ बनाने को लेकर भाजपा की कोशिशों के बीच संघ द्वारा उठाया गया यह कदम काफी चर्चा में है। संघ महासचिव दत्तात्रेय होसाबले संगठन की एक बैठक में महिलाओं की भागीदारी में कमी पर खेद व्यक्त कर चुके हैं। इस बीच अब आरएसएस ने ऐलान किया है कि पर्वतारोही संतोष यादव संघ के वार्षिक दशहरा दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगी।
इसके अलावा संघ के कार्यक्रमों में एचसीएल के संस्थापक-अध्यक्ष शिव नादर, डीआरडीओ के पूर्व महानिदेशक विजय कुमार सारस्वत, नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, पूर्व सीबीआई प्रमुख जोगिंदर सिंह, नेपाल के पूर्व सेना प्रमुख रूकमंगुड कटवाल और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आर एस गवई भी आमंत्रित हुए हैं।
1925 में दशहरे के दिन नागपुर में आरएसएस की स्थापना हुई थी। संघ के सरसंघचालक ने इस वार्षिक आयोजन में राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर संगठन के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया था। इस दिन संघ शक्ति के महत्व को दर्शाते हुए प्रतीकात्मक रूप से शस्त्र पूजा भी करता है।
दरअसल संघ की छवि पुरुषों के संगठन के रूप में हैं। जिसमें पुरुषों की भागीदारी है। इस छवि को लेकर संघ कई राजनीतिक दलों द्वारा निशाने पर भी आता रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस छवि को बदलने के लिए आरएसएस दशहरा कार्यक्रम में संतोष यादव को आमंत्रित किया है। वहीं संघ के कुटुम्ब प्रबोधन कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार और समाज के मूल्यों का प्रसार करना है। जिसपर संघ द्वारा नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है।
हालांकि 1936 से संघ में राष्ट्र सेविका समिति नामक एक विंग है लेकिन इसमें महिलाएं मुख्य गतिविधियों का हिस्सा नहीं हैं, इसके चलते संघ की पहचान पुरुषों के संगठन (खाकी पतलून के साथ) तौर पर होती है। ऐसे में पर्वतारोही संतोष यादव के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर माना जा रहा है कि संघ अपनी छवि में बदलाव लाना चाहता है।
महिला केंद्रित कार्यक्रमों के बारे में विवरण देने वाली संघ की 2021-22 के लिए सालाना रिपोर्ट में सामने आया है कि राज्यों में इसके 41 संपर्क विभाग में महिलाओं का प्रतिनिधित्व था। बता दें कि आरएसएस अपने कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में विभिन्न क्षेत्रों और राजनीतिक स्पेक्ट्रम के लोगों को आमंत्रित करता रहा है। जून 2018 में नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के समापन समारोह के लिए संघ ने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित किया था।
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