यूपी में अगले 10 साल तक योगी ही रहेंगे बॉस, भाजपा नेतृत्व और RSS यूपी की कमान पूरी तरह सौंपने को तैयार
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धीरेंद्र सिंह, लखनऊ, अमृत विचार। यूपी की कमान अगले एक दशक तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में ही रहेगी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कई चरण में हुई समन्वय बैठकों में मुहर लग गई है। मिशन-2027 के लिए योगी के मनोनुकूल ही प्रदेश अध्यक्ष बनाने और मंत्रिमंडल में बदलाव की पूरी छूट रहेगी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ हमेशा गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के साथ रहा है। वर्ष 2017 में मोदी मैजिक से यूपी में पहली बार पूर्ण बहुमत मिलने पर योगी को कमान सौंपने के लिए भाजपा केंद्रीय नेतृत्व संघ की वजह से ही मजबूर हुआ था। वरना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर शीर्ष नेता राजनाथ सिंह और अमित शाह तक ने तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के नाम पर मुहर लगा दी थी। हालांकि यूपी की बागड़ोर थामने के बाद योगी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अपनी ईमानदारी, विकास के प्रति दृढ़ इच्छा शक्ति समेत अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस से जन-जन के चहेते बन गए। औद्योगिक विकास की नई गाथा लिखी। यूपी को बीमारू राज्य से बाहर निकालकर देश की पहली पंक्ति में ला खड़ा कर दिया।
शुरूआत में जिन लोगों ने मुख्यमंत्री योगी के राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़े किए थे, वे आज उनके सबसे बड़े मुरीद हैं। योगी की कार्यशैली के प्रभाव से सपा-बसपा और कांग्रेस सरीखे विरोधी दल भी अपनी जमीन न सिर्फ यूपी में बल्कि अन्य राज्यों समेत लोकसभा चुनाव में बचाना मुश्किल समझते हैं। इसी असर को देखकर अटकलें लगाई जा रही थी कि योगी को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। भाजपा में एक तबका इसके जरिए वोटबैंक और मजबूत होने की दुहाई दे रहा था। लेकिन, संघ की मोदी के साथ और इसके पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं के साथ कई चक्र चली बैठकों के बाद अब साफ हो गया है कि योगी ही अगले 10 साल तक यूपी के बॉस रहेंगे।
संघ के सूत्रों का कहना है कि यूपी में योगी का कोई विकल्प अभी नहीं है, और इतने बड़े प्रदेश में कोई रिस्क नहीं ले सकता। दूसरी पंक्ति के नेताओं पर दांव लगाने की चर्चाओं में कोई योगी के आसपास नहीं ठहरता है।
शाह ने सार्वजनिक किया अगले सीएम होगें योगी
कभी-कभी विपक्ष जिस नेता के पीछे पड़ने की कोशिश करता है, वह और मजबूत होता जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मामले में कुछ ऐसा ही वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव के तंज ने किया। अखिलेश ने टोकते हुए गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि आप हमारे योगी जी के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे? शाह ने फौरन अपने अंदाज में जवाब दिया कि वो भी ''रिपीट'' होने वाले हैं। अमित शाह का जवाब अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसे अखिलेश यादव सहित तमाम नेताओं की कयास बाजियों का जवाब माना जा रहा है, जो लगातार कई दिनों से ये जाहिर करने की कोशिश कर रहे थे कि भाजपा में दिल्ली और लखनऊ के बीच सब ठीक नहीं है।
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