शाहजहांपुर: डॉ. साहनी के उपन्यास द राइडर ऑफ टाइम का विमोचन, विज्ञान की कपोल कल्पना पर आधारित है पुस्तक
शाहजहांपुर, अमृत विचार। शहर के दून इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर डॉ. जसमीत साहनी की एक और पुस्तक द राइडर ऑफ टाइम बाजार में आ गई है। पुस्तक का विमोचन इस बार नई दिल्ली में कराया गया है। द राइडर ऑफ टाइम पुस्तक का विमोचन प्रख्यात कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने किया है। शिक्षा के …
शाहजहांपुर, अमृत विचार। शहर के दून इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर डॉ. जसमीत साहनी की एक और पुस्तक द राइडर ऑफ टाइम बाजार में आ गई है। पुस्तक का विमोचन इस बार नई दिल्ली में कराया गया है। द राइडर ऑफ टाइम पुस्तक का विमोचन प्रख्यात कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले लेखक डॉ. जसमीत साहनी ने बताया कि उनकी नई पुस्तक द राइडर ऑफ टाइम विज्ञान की कपोल कल्पना पर आधारित है। विज्ञान की काल्पनिक कहानियों पर लोग अधिक विश्वास करने लगते हैं, ऐसी ही एक कहानी को प्रतीक मानकर उन्होंने उपन्यास का रूप दिया है। डॉ. साहनी ने बताया कि उपन्यास में एक ऐसे छात्र की कहानी है, जो अपने पिता को मृत्यु से बचाने के लिए टाईम मशीन की सहायता लेता है और भगवान के पास मदद मांगने जाता है।
साहनी ने बताया कि यह कहानी हमें जीवन के सत्य को आत्मसात करने की शक्ति प्रदान करती है। साथ ही पैसों के पीछे भागती दुनिया को, पुनः मानवता की ओर मोड़ने का प्रयास करती है। पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली में युवा कवि पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने किया। विमोचन के बाद सुनील जोगी ने कहा कि वर्तमान समय में समाज को ऐसे ही सकारात्मक साहित्य की आवश्कता है। यह उपन्यास साहित्य के क्षेत्र में एक ताजे हवा के झोंके की तरह है। डॉ. साहनी ने बताया कि पुस्तक ऐमेजॉन पर उपलब्ध है।
इससे पहले ये पुस्तकें हो चुकीं प्रकाशित
ईश्वर और विज्ञान
ब्रेन सीक्रेट्स
महाभारत साइकोलॉजी
द राइडर ऑफ़ टाइम
मेरा मानना है कि हर व्यक्ति को किसी भी रूप में अपना साकारात्मक योगदान समाज को देना चाहिए। मैं शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा हूं तो मुझे लेखनी के रूप में वो माध्यम मिल गया। मैं कई वर्षों से लगातार हर दिन अध्ययन कर रहा हूं, इसलिए जो कुछ नया प्राप्त होता है उसे पुस्तक के रूप में समाज को समर्पित कर देता हूं। एक ज्ञानयुक्त और सकारात्मक समाज की मज़बूत राष्ट्र की नीव होता है। मैं जीवन के अंत तक यह कार्य जारी रखूंगा।-डॉ. जसमीत साहनी, लेखक/डायरेक्टर, दून इंटरनेशनल स्कूल।
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