हल्द्वानी: 2015 में हुई दरोगा भर्ती की जांच से मची खलबली, हाकम कनेक्शन से सूखे 120 दरोगाओं के हलक
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी। यूकेएसएसएससी परीक्षा के बाद घोटाले का जिन्न बाहर आया तो वर्ष 2015 में हुई दरोगा भर्ती पर सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल तब और पुख्ता हुए जब यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले के सबसे बड़े सूत्रधार हाकम सिंह का नाम दरोगा भर्ती से जुड़ा। घोटाले के आरोप उस वायरल वीडियो के बाद लगे, …
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी। यूकेएसएसएससी परीक्षा के बाद घोटाले का जिन्न बाहर आया तो वर्ष 2015 में हुई दरोगा भर्ती पर सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल तब और पुख्ता हुए जब यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले के सबसे बड़े सूत्रधार हाकम सिंह का नाम दरोगा भर्ती से जुड़ा। घोटाले के आरोप उस वायरल वीडियो के बाद लगे, जिसमें हाकम सिंह दो दरोगा के साथ दिखाई दे रहा है। कुमाऊं में इस वक्त 2015 बैच के 120 दरोगा तैनात हैं और विजिलेंस जांच के आदेश के बाद इनके सांसें हलक में अटकी हैं।
वर्ष 2015 में पंतनगर विश्वविद्यालय ने दरोगाओं के 339 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। अब सात साल बाद भर्ती में धांधली की जांच विजिलेंस को सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी हाकम सिंह, केंद्र पाल सिंह, चंदन मनराल, शशिकांत के साथ आरआईएमएस कम्पनी के मालिक राजेश चौहान की दारोगा भर्ती में अहम भूमिका रही और इन्होंने मोटी रकम लेकर कइयों को भर्ती कराया। बहरहाल, दरोगा भर्ती में गड़बड़ी की आशंका को लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। कुमाऊं में भी कई दरोगा अधिकारियों के निशाने पर हैं और इसकी वजह है इन दरोगाओं की कार्यशैली। वर्ष 2015 में भर्ती हुए कुल 339 दरोगाओं में से 120 कुमाऊं में अहम थाने और चौकियों में तैनात हैं। खास बात ये है कि सबसे ज्यादा 46 दरोगा उस ऊधमसिंहनगर में तैनात हैं, जहां यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले के चक्कर में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं। इसके बाद 2015 बैच वाले सबसे ज्यादा 38 दरोगाओं की तैनाती नैनीताल जिले में है।
बता दें कि हाकम सिंह ने दो दरोगाओं के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था। इसे लेकर भर्ती में धांधली की आशंका जताई गई। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दरोगा भर्ती जांच के लिए पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। शासन ने दरोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस टीम को सौंपी है। कुल मिलाकर जो गलत तरीके से भर्ती हुए उनका फंसना तय है, लेकिन सही तरीके से भर्ती होने वालों के दिल में भी कहीं न कहीं डर बैठा है कि इस चक्कर में कहीं सारों पर गाज न गिर जाए।
इन जिलों में तैनात हैं 2015 बैच के इतने दरोगा
ऊधमसिंहनगर- 46
नैनीताल- 38
अल्मोड़ा- 7
बागेश्वर- 7
पिथौरागढ़- 15
चम्पावत- 7
विजिलेंस के निशाने पर हो सकता है जसपुर
दरोगा भर्ती घोटाले में ऊधमसिंहनगर जिले का जसपुर विजिलेंस के निशाने पर हो सकता है और इसकी वजह है यूकेएसएसएससी परीक्षा। दरोगा भर्ती में ऊधमसिंहनगर से 50 अधिक युवा सफल हुए थे और इनमें 20 से अधिक दरोगा जसपुर से चयनित हुए थे। जसपुर वही जगह है जहां से यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले में सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुईं। अब जसपुर में ये सब संयोग से हुआ या फिर सुनियोजित, ये जांच में सामने आएगा।