वाराणसी बरेली एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ओवर शूट किया सिग्नल, मचा हड़कंप

वाराणसी बरेली एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ओवर शूट किया सिग्नल, मचा हड़कंप

बरेली, अमृत विचार। गुरुवार को हरदोई स्टेशन के पास बड़ा हादसा होने से टल गया। वाराणसी बरेली एक्सप्रेस के लोको पायलट ने सिग्नल ओवर शूट कर दिया। ट्रेन की रफ्तार तेज थी, जब तक लोको पायलट को होम सिग्नल दिखा और उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तब तक ट्रेन होम सिग्नल ओवर शूट कर चुकी थी। …

बरेली, अमृत विचार। गुरुवार को हरदोई स्टेशन के पास बड़ा हादसा होने से टल गया। वाराणसी बरेली एक्सप्रेस के लोको पायलट ने सिग्नल ओवर शूट कर दिया। ट्रेन की रफ्तार तेज थी, जब तक लोको पायलट को होम सिग्नल दिखा और उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तब तक ट्रेन होम सिग्नल ओवर शूट कर चुकी थी। इंजन पांच कोच समेत सिग्नल के आगे निकल गया। पूरी घटना हरदोई से आगे कौढ़ा रेलवे स्टेशन की है। घटना के बाद ट्रेन को 2.30 घंटा तक स्टेशन पर ही खड़ा कर दिया गया। अधिकारियों ने मामले की जांच की और दूसरे लोको पायलट को ट्रेन लेकर बरेली भेजा गया।

गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे ट्रेन संख्या (14235) वाराणसी-बरेली एक्सप्रेस हरदोई स्टेशन से निकली थी। स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर छोटा स्टेशन कौढ़ा पड़ता है। यहां से ट्रेन को रनथ्रू गुजारा जाता है, लेकिन स्टेशन मास्टर ने आपरेटिंग कारणों से रेड सिग्नल दिया था। लोको पायलट बरेली लोको लॉबी के वीपी सिंह व सहायक लोको पायलट मुनेंद्र कुमार ट्रेन को बरेली ला रहे थे।

सुरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे में डबल डिस्टेंट सिग्नल की व्यवस्ता है। जिससे पता चलता है कि अगला सिग्नल क्या मिलने वाला है। स्टेशन से पहले डिस्टेंट सिग्नल डबल येलो ( दो पीले ) थे, जिसका मतलब था कि लोको पायलट को अगला सिग्नल लाल मिलने वाला है, मगर लोको पायलट डिस्टेंट सिग्नल देख नहीं पाया और ट्रेन को रनथ्रू गुजार दिया।

जैसे ही ट्रेन स्टेशन के पास पहुंची और लोको पायलट ने होम सिग्नल लाल देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका, मगर तब तक इंजन समेत ट्रेन के पांच डिब्बे सिग्नल से आगे निकल गए और रेड सिग्नल ओवर शूट हो गया। ट्रेन की रफ्तार अधिक थी। ऐसे में ट्रेन बेपटरी हो सकती थी।

स्टेशन मास्टर ने रेलवे कंट्रोल को सूचना सिग्नल ओवर शूट की सूचना दी तो मुरादाबाद मंडल कार्यालय तक हड़कंप मच गया। अधिकारी कौड़ा स्टेशन पहुंचे और लोको पायलेट वीपी सिंह को उतारकर उनका मेडिकल कराया गया। लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के बयान दर्ज हुए। करीब 2:30 घंटे की जांच के बाद लोको पायलट दिलीप ट्रेन को बरेली लेकर आए।

सिग्नल ओवर शूट रेलवे की नजर में अपराध
इस घटना के बाद लोको पायलट और सहायक लोको पायलट का निलंबन तय माना जा रहा है। रेलवे अधिकारियों की माने तो ओवरशूट करना रेलवे में किसी क्राइम से कम नहीं। इस परिस्थिति में नौकरी से बर्खास्तगी तक का प्रावधान है। विभागीय कार्रवाई की जाती है और निलंबन तत्काल प्रभाव से हो जाता है। वहीं, देर शाम तक लोको पायलट और सहायक लोको पायलट से पूछताछ चलती रही। दोनों शाम तक बरेली लोको लाबी नहीं पहुंचे थे।

जानवरों की वजह से नहीं दिखाई दिया सिग्नल
सूत्रों की माने तो लोको पायलट ने गलती के बाद अपनी सफाई में कहा है कि ट्रैक पर काफी संख्या में पशु आ गए थे। जिसकी वजह से वह सिग्नल नहीं देख पाए और ट्रेन स्टेशन पहुंचने पर सिग्नल ओवरशूट हो गया। हालांकि लोको पायलटों की यह सफाई अधिकारियों के गले नहीं उतर रही, क्योंकि सिग्नल काफी ऊंचाई पर होता है। माना जा रहा है कि ध्यान नहीं देने पर दोनों लोको पायलट से बड़ी चूक हुई।

पूरे घटनाक्रम के बारे में पता चला है, पूरी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इतना जरूर कहा जा सकता है कि ऐसे मामलों में बर्खास्तगी तक का प्रावधान है। रेलवे की नजर में सिग्नल ओवरशूट एक प्रकार का अपराध हैसुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद रेल मंडल।

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