अयोध्या: नरसिंह मंदिर के सामने हुये धामकों के मामले में मंदिर के मुख्तार सहित सात नामजद, चौकी प्रभारी लाइन हाजिर

अयोध्या: नरसिंह मंदिर के सामने हुये धामकों के मामले में मंदिर के मुख्तार सहित सात नामजद, चौकी प्रभारी लाइन हाजिर

अयोध्या। अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रायगंज पुलिस चौकी के बगल नरसिंह मंदिर के सामने भोर में हुए दो धमाकों का मामला गुरुवार को दिन भर गर्म रहा। मंदिर की कब्जेदारी को लेकर महंत और पुजारी के बीच चल रहे विवाद में दोपहर होते-होते अयोध्या के प्रमुख साधु-संत भी कूद पड़े और सभी अयोध्या कोतवाली पहुंच …

अयोध्या। अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रायगंज पुलिस चौकी के बगल नरसिंह मंदिर के सामने भोर में हुए दो धमाकों का मामला गुरुवार को दिन भर गर्म रहा। मंदिर की कब्जेदारी को लेकर महंत और पुजारी के बीच चल रहे विवाद में दोपहर होते-होते अयोध्या के प्रमुख साधु-संत भी कूद पड़े और सभी अयोध्या कोतवाली पहुंच गए।

इसके बाद महंत रामशरण दास की बातों को दरकिनार करते हुए संतों ने पुजारी प्रेमसागर उर्फ रामशंकर दास से मामले में तहरीर दिलवाई और मंदिर के मुख्तार व एक कथित पत्रकार समेत 7 लोगों को नामजद कराते हुए एक अज्ञात पर केस दर्ज करवाया। साथ ही पुजारी रामशंकर दास को फिर से मंदिर भिजवाया। इधर, मंदिर के बगल धमाके होने के मामले में देर शाम एसएसपी प्रशांत वर्मा ने रायगंज चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया। शुक्रवार को पुलिस ने दो लोगों को जेल भी भेज दिया।

प्रेमसागर ने तहरीर देते हुए प्रेमसागर ने बताया कि उसके गुरु रामशरण दास अत्यन्त वृद्ध व शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हैं। एक महीने पहले देवरामदास वेदांती, मोहनदास चेला देवरामदास वेदांती व चार पांच अन्य लोग मन्दिर में आये और गुरु जी से भंडारे की अनुमति लेकर रुक गये। भंडारा करने के बाद भी ये लोग मन्दिर में बने रहे और इनके मिलने जुलने वालों की संख्या बढ़ती गयी। इनकी गतिविधियों से इनके नियत पर संदेह होने पर मैंने इन लोगों को टोका और स्थानीय पुलिस को मौखिक टेलीफोनिक व लिखित रूप से अपने जान माल के खतरे और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की प्रार्थना की।

इसी क्रम में षडयंत्रकारियों ने विगत 16 अगस्त को रात्रि में मेरे गुरुदेव और मन्दिर के महन्त श्री राम शरण दास जी को बहला फुसला कर नाजायज तरीके से कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लिये, जिसमें मंदिर के मुख्तार दधिबल तिवारी की अगुआई में तीन चार लोगों ने मिलकर इस घटना को अन्जाम दिया। उक्त प्रकरण की मैंने पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।

प्रेमसागर ने आरोप लगाया कि 18 अगस्त की भोर में मैं मन्दिर में सोया हुआ था। लगभग साढ़े तीन बजे भयानक विस्फोट हुआ और दाहिने हाथ की उंगली में उसकी चिंगारी आ लगी। मैं घबराकर जगा तो विवेक दास, मोहनदास व उनके अन्य सहयोगी वहां उपस्थित दिखे। इन लोगो ने मुझे घेर लिया और कहा कि जान की सलामती चाहते हो तो इसी पल मन्दिर छोड़कर चले जाओ, अब से स्थान देवरामदास वेदान्ती का हो गया है।

इसी बीच में जय गोबिंद पण्डित, महेन्द्र त्रिपाठी, कृष्ण कुमार पांडेय और रघुनाथ आदि वहा इकट्ठा हो गये और पूछा कि ये बच कैसे गया फिर सबने मुझे दुबारा दिखाई देने पर मौत के घाट उतार देने की धमकी दी। पुलिस ने मामले में देवरामदास वेदांती, मोहनदास, जयगोविंद पंडित, कथित पत्रकार महेंद्र तिवारी, कृष्ण कुमार पांडेय, रघुनाथ देसिक, दधिबल तिवारी को नामजद करते हुए एक अज्ञात व्यक्ति पर केस दर्ज किया है। रायगंज चौकी इंचार्ज राम प्रकाश मिश्रा को लाइन हाजिर कर उनकी जगह स्वतंत्र मौर्य को प्रभारी बनाया गया है।

मंदिर के महंत कुछ और ही बोल रहे हैं

मन्दिर के महंत रामशरण दास ने 15 अगस्त को ही मन्दिर के पुजारी प्रेमसागर के खिलाफ एसएसपी, सीओ अयोध्या व कोतवाल को शिकायती पत्र दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रेमसागर मन्दिर पर कब्जा करने के लिए लगातार जानलेवा धमकियां देता है। वह नशा भी करता है। कहता है कि तुम बूढ़े हो गए हो मन्दिर छोड़कर चले जाओ नहीं तो बोरे में भरकर सरयू में फेंकवा दूंगा। पत्र के जरिये उन्होंने सुरक्षा की अपील की थी। पुलिस ने शिकायती पत्र मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की थी।

कौन है मुख्य आरोपी देवराम दास वेदांती?

पुलिस ने इस मामले में देवराम दास वेदांती का नाम एफआईआर में सबसे ऊपर रखा है। दरअसल देवराम दास को नरसिंह मंदिर के महंत रामशरण दास उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं, लेकिन यह बात कुछ साधु संतों को खटक रही है। दरअसल सबसे पहले देवराम दास का नाम श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महंत नृत्य गोपाल दास पर पर 28 मई 2001 को हुए हमले के मामले में उछला था। जेल से छूटने के बाद देवराम दास अंडरग्राउण्ड था। उस पर और भी आपराधिक मामले हैं।

पुजारी प्रेमसागर के बारे में भी जान लें

नरसिंह मंदिर का पुजारी प्रेमसागर उर्फ रामशंकर दास (26) नशा करने का आदी है। यह बात मंदिर के महंत खुद स्वीकार कर चुके हैं। अयोध्या के अमूमन संत प्रेमसागर को ही मंदिर में बने रहना देखना चाहते हैं। इसलिए गुरुवार को साधु-संत पहली बार कोतवाली पहुंच गए थे। अपनी मांगों को मनवाने के बाद उसे फिर से मंदिर भिजवा दिया था।

ये संत पहुंचे थे कोतवाली

कोतवाली का घेराव करने वाले महंतों में मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास, श्रीरामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, जानकी घाट मंदिर के महंत जनमेजय शरण, मंगल भवन के महंत राम भूषण दास कृपालु, महंत शशिकांत दास, कथा व्यास भगवान शरण, स्वामी गंगा दास, महंत मनीष दास, महंत गंगादास, महंत छविराम दास, महंत हरिभजन दास, महंत गिरीश दास, महंत हरिभजन दास आदि मौजूद रहे।

धमाकों की चल रही है जांच

कोतवाल अश्वनी पांडेय ने बताया कि धमाकों के मामले में बम स्क्वायड दस्ते ने जांच शुरू कर दी है, जिसकी जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी। कुल 8 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से मोहनदास और विवेकदास को जेल भेज दिया गया है।

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