आजादी का महत्व

आजादी का महत्व

आज पूरा देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है। एक ओर है लंबे संघर्ष की कहानी, तो दूसरी ओर है 75 वर्षों के विकास का लेखा-जोखा और भविष्य का एक सुनहरा सपना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने …

आज पूरा देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है। एक ओर है लंबे संघर्ष की कहानी, तो दूसरी ओर है 75 वर्षों के विकास का लेखा-जोखा और भविष्य का एक सुनहरा सपना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने की अपील देशवासियों से की थी। 13 से 15 अगस्त तक घर-घर तिरंगा फहरा कर देश की एक सौ 35 करोड़ जनता ने आजादी के इस अमृत महोत्सव को एक सुखद यादगार बना दिया।

किसी भी देश के इतिहास में ऐसे क्षण दुर्लभ पाए जाते हैं। बापू के नेतृत्व में पूरे देश ने एक झंडे के नीचे आकर सविनय अवज्ञा आंदोलन, नील आंदोलन, नमक आंदलोन, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था। क्या बूढ़ा, क्या जवान और क्या बच्चा सभी आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने को सड़क पर आ गए थे। ब्रिटिश हुकूमत जिसके बारे में कहा जाता था कि उसका सूरज कभी नहीं डूबता नहीं, अर्धनग्न फकीर के आगे नतमस्तक थी।

खुदीराम बोस, भगत सिंह, सुखदेव, राजेंद्र लाहिड़ी, राम प्रसाद बिसमिल, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतकारियों ने अपने खून से आजादी की अमरगाथा लिखी। जांबाजो के हौसले इतने बुंलद थे कि मातृभूमि की बलिबेदी पर मर मिटने का हैसला था। जिसके आगे ब्रिटिश हुकूमत थर्रा गई। यह भारत की संस्कृति और अजेय शानदार परंपराओं की भी खूबी है कि गोली और बम चलाने वाले शेर भी सत्य और अहिंसा के बापू से आशीर्वाद लेते थे और एक स्वर से उनका नेतृत्व स्वीकार करते थे।

यह सदियों पुरानी भारत की माटी की विशेषता है कि हर भारतीय चाहे वह जिस भी धर्म, संप्रदाय या जाति का रहा हो पहले भारतीय था और आजादी का दीवाना था। निस्संदेह यही वह ताकत है जिसने बड़े से बड़े तूफान मे भी भारत को अजेय रखा। आज ही के दिन सन 1947 में आजादी मिलकर रही।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने आवास से घर घर तिरंगा अभियान शुरू किया। साढ़े चार करोड़ झंडे फहराने का जो लक्ष्य मुख्यमंत्री ने तय किया था वह प्रदेश की जनता के उत्साह के सामने बौना साबित हुआ। पांच करोड़ से भी ज्यादा तिरंगा फहराकर प्रदेश की जनता ने एक कीर्तिमान अपने नाम किया। इस उत्साह को हमें बरकरार रखना है।

आजादी मिली, आजादी के 75 वर्ष बीत गए लेकिन अभी देश के सामने धन के असमान वितरण, जनसंख्या नियंत्रण, भुखमरी, बेकारी, महंगाई जैसी चुनौतियां खड़ी हैं। इसी जज्बे के साथ इन सबका हमें मिलकर मुकाबला करना है और भारत को उसके पुराने स्वरूप सोने की चिड़िया के रूप में प्रतिष्ठित करना है। स्वतंत्रता दिवस वह मौका है, जब हम इसके महत्व पर जोर दें और इस समझ को लगातार गहराई देने का संकल्प लें।