नैनीताल: बलियानाले में फिर हुआ भूस्खलन, लोगों ने खौफ के साए में गुजारी रात
नैनीताल, अमृत विचार। लगातार हो रही बारिश के चलते भूगर्भिक दृष्टि से अति संवेदनशील बलिया नाला क्षेत्र में लगातार हो रहे पानी के रिसाव से फिर खतरा मंडराने लगा है। वहीं बीते देर रात फिर एक बार हुए भूस्खलन से खतरा बढ़ गया है। मंगलवार देर रात यहां भूस्खलन के कारण हरिनगर जीआईसी के नीचे …
नैनीताल, अमृत विचार। लगातार हो रही बारिश के चलते भूगर्भिक दृष्टि से अति संवेदनशील बलिया नाला क्षेत्र में लगातार हो रहे पानी के रिसाव से फिर खतरा मंडराने लगा है। वहीं बीते देर रात फिर एक बार हुए भूस्खलन से खतरा बढ़ गया है। मंगलवार देर रात यहां भूस्खलन के कारण हरिनगर जीआईसी के नीचे स्थित मैदान का करीब 20 मीटर हिस्सा दरक कर खाई में समा गया। मैदान में चौड़ी-चौड़ी दरारें पड़ गई हैं। जो कभी भी मैदान के खाई में समा जाने का संकेत दे रही हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार देर रात बलियानाला क्षेत्र में बड़े-बड़े बोल्डर गिरने की आवाज आई थी, जिसके चलते स्थानीय लोग रात भर डर के साए में जागते रहे। भूस्खलन इतना भयंकर था कि बोल्डर गिरने की जोरदार आवाज ने पास के गांव आलूखेत के लोगों तक की नींद उड़ा दी। जिसके बाद से एक बार फिर स्थानीय लोगो में भय का माहौल बना हुआ है।
55 परिवारों को पूर्व में ही जगह खाली करने के लिए दिए हैं नोटिस
एसडीएम राहुल साह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के 55 लोगों को पूर्व में घर खाली करने के नोटिस दे दिए गए हैं। लोगों ने घर नहीं खाली किए हैं। बताया क प्रशासन द्वारा दुर्गापुर सहित नगर के अन्य क्षेत्रों में उनके रहने की व्यस्था की जाएगी।
क्षेत्र में 200 मीटर लम्बे भूमिगत स्रोत से लगातार हो रहा है पानी का रिसाव
कुछ समय पूर्व आईआईटी रुड़की और जायका द्वारा जियो फिजिकल सर्वे की रिपोर्ट से इस बात का पता चला था कि क्षेत्र में लगभग 200 मीटर की लंबाई में पानी का भूमिगत स्रोत है, इन स्रोतों से लगभग 8 एमएलडी पानी निकल रहा है। जो भू धंसाव का एक कारण है।
जिसके बाद डीएम ने कहा था कि जीआईसी स्कूल से जीजीआईसी स्कूल के बीच दो से तीन स्थानों पर बोरिंग कर भूमिगत पानी का नगर में पेयजलापूर्ति में उपयोग होने के साथ ही बलियानाले में हो रहे धंसाव को रोका जा सकता है। लेकिन कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया है।