अयोध्या: छात्रों को आश्रय देने में असहाय है नवोदय छात्रावास, जर्जर और असुरक्षित होने पर कराया गया खाली

अयोध्या: छात्रों को आश्रय देने में असहाय है नवोदय छात्रावास, जर्जर और असुरक्षित होने पर कराया गया खाली

अयोध्या। तीन दशक से ज्यादा समय तक छात्रों के लिए ठौर बना जवाहर नवोदय विद्यालय का छात्रावास अब उन्हें आश्रय देने में असहाय है। जर्जर और असुरक्षित घोषित होने बाद इस छात्रावास को ध्वस्तीकरण के लिए प्रस्तावित किया गया है, विद्यालय के जिम्मेदारों की ओर से कई बार पत्राचार भी किया गया, कोई ठोस नतीजा …

अयोध्या। तीन दशक से ज्यादा समय तक छात्रों के लिए ठौर बना जवाहर नवोदय विद्यालय का छात्रावास अब उन्हें आश्रय देने में असहाय है। जर्जर और असुरक्षित घोषित होने बाद इस छात्रावास को ध्वस्तीकरण के लिए प्रस्तावित किया गया है, विद्यालय के जिम्मेदारों की ओर से कई बार पत्राचार भी किया गया, कोई ठोस नतीजा न निकलने के कारण यह पत्राचार के बीच ही उलझकर रह गया।

विद्यालय के जिम्मेदारों का कहना है कि 1972 से 1975 के बीच बने इस भवन को 1986 व 87 में विद्यालय में आवास संकट आने के कारण शामिल किया गया था। हालांकि तीन दशकों बाद जर्जर स्थिति में होने के बाद एचबीटीआई कानुपर व अवध विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग ने छात्रावास का अवलोकन करने के बाद उसे अयोग्य और असुरक्षित घोषित कर दिया, जिसके बाद 2019 में छात्रावास को खाली करा लिया गया और छात्रों को एक अन्य जगह शिफ्ट कर दिया गया।

छात्रावास खाली होने के बाद से अन्यत्र स्थान पर समायोजित करने में विद्यालय प्रबंधन को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार मिश्र का कहना है कि छात्रावास में रह रहे छात्रों को जिस एमपी हॉल में स्थानांतरित किया गया है, वहां पर उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए समुचित व्यवस्था की गई है। अब देखना यह है कि विद्यालय प्रबंधन की ओर से किए गए पत्राचार पर जिम्मेदार कब संज्ञान लेंगे।

सीटों की कमी होने से मायूस हुए छात्र

जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने का सपना संजोए कई छात्रों और उनके अभिभावकों को इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र में सीटें कम होने के कारण निराश होना पड़ा, क्योंकि इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र में विद्यालय समिति की ओर से सीटों की संख्या को घटाकर 80 से 40 किया गया था। इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार मिश्र ने बताया कि ठहरने की व्यवस्था में समस्या आने के बाद सीटों की संख्या में कमी की गई है।

जर्जर व असुरक्षित घोषित हो चुके इस छात्रावास को ध्वस्तीकरण कर वहां नए सिरे से छात्रावास बनाने जाने को लेकर कई बार पत्राचार किया गया है, पर अभी तक कोई समाधान नहीं सका है, आशा है कि जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। – कृष्ण कुमार मिश्र, प्राचार्य, जवाहर नवोदय विद्यालय

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