अब यूपी पुशपालन विभाग में वेटरिनरी डॉक्टरों के स्थानान्तरण में गड़बड़ी का लगा आरोप, मुख्यमंत्री से हुई शिकायत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्थानान्तरण में घोटाले ही घोटाले नजर आ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी,स्वास्थ्य विभाग के बाद अब पशुपालन विभाग में हुये स्थानान्तरण में घोटाले का आरोप लग रहा है। बताया जा रहा है कि एक दिन में ही पशुपालन विभाग के करीब 300 वेटरिनरी डॉक्टरों के तबादले किये गये, उन्हीं में से कई वेटरिनरी …
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्थानान्तरण में घोटाले ही घोटाले नजर आ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी,स्वास्थ्य विभाग के बाद अब पशुपालन विभाग में हुये स्थानान्तरण में घोटाले का आरोप लग रहा है। बताया जा रहा है कि एक दिन में ही पशुपालन विभाग के करीब 300 वेटरिनरी डॉक्टरों के तबादले किये गये, उन्हीं में से कई वेटरिनरी डॉक्टरों का तबादला उसी दिन निरस्त भी हो गया। हद तो तब हो गयी जब निरस्त किये गये तबादलों में संशोधन भी उस तारीख में कर दिये गये।
इतना ही नहीं आरोप तो यहां तक लगाया गया है कि कई ऐसे वेटरिनरी डॉक्टरों का स्थानान्तरण ही नहीं किया गया,जो सालों से एक ही जगह पर तैनात हैं। जबकि कई ऐसे चिकित्सकों का स्थानान्तरण कर दिया गया, जिनका स्थानान्तरण नीति के तहत आता ही नहीं है, इस पूरे मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गयी है। बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक कुमार श्रीवास्तव ने पशुपालन विभाग में स्थानान्तरण नीति का पालन न करने का आरोप लगाते हुये किए गये स्थानान्तरण के लिए विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ.इन्द्रमनि को जिम्मेदार ठहराया है।
गलत स्थानान्तरण का खामियाजां गायों को भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ जगहों से वेटरिनरी डॉक्टरों का स्थानान्तरण तो कर दिया गया,लेकिन उनकी जगह पर दूसरे डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गयी। ऐसे में उन पशु चिकित्सालयों के क्षेत्र में आने वाले गौवंश आश्रय स्थलों में रह रही गायों का इलाज नहीं हो पा रहा है, कुछ गायों तथा गौवंशों की मौत होने की जानकारी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। उन्हीं मे से रायबरेली जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
सिधौरातारा पशु अस्पताल में तैनात वेटरिनरी डॉक्टर का स्थानान्तरण हो जाने और वहां पर दूसरे डॉक्टर की तैनाती न होने से बेजुबानों को इलाज नहीं मिल पा रहा है,जिसके चलते वह दम तोड़ रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले में जब निदेशक प्रशासन से बात की गयी तो उन्होंने व्यवस्ता का हवाला देकर बाद में अपना पक्ष देने की बात कही।
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