हल्द्वानी: सिर्फ पेंटिंग ही नहीं मर्म को दर्शा सामाजिक ताना-बाना बुनती है शानू की कला

भूपेश कन्नौजिया, हल्द्वानी। हाथ में पेंट और ब्रश आते ही निर्जीव पत्थर भी मानो बोल उठने को तैयार हो..कैनवास पर उकेरे गए चित्र के पीछे छुपा मर्म ऐसी कहानी गढ़ता है की इन पेंटिंग्स से आंखे हटाना मुश्किल होता है। हल्द्वानी शहर निवासी शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को नए मुकाम पर लेकर …
भूपेश कन्नौजिया, हल्द्वानी। हाथ में पेंट और ब्रश आते ही निर्जीव पत्थर भी मानो बोल उठने को तैयार हो..कैनवास पर उकेरे गए चित्र के पीछे छुपा मर्म ऐसी कहानी गढ़ता है की इन पेंटिंग्स से आंखे हटाना मुश्किल होता है। हल्द्वानी शहर निवासी शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को नए मुकाम पर लेकर जाना चाहती हैं उनका मकसद है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर अपने सब्जेक्ट पर चित्रांकन करें और देश का प्रतिनिधित्व करें।
बहरहाल प्रतिभा की धनी शानू हल्द्वानी के मानपुर पश्चिम के चतुर विहार में रहती हैं। एमएससी आइटी करने के बाद पिछले चार सालों से फाइन आर्ट को लेकर कार्य कर रही हैं और अपना गुरु शहर निवासी कुसुम पांडे को मानती हैं जबकि उनके आइडल देश के जाने माने आर्टिस्ट भारती खेर,सुबोध गप्ता और विजेंद्र शर्मा हैं जिन्हें इंस्टालेशन आर्ट में महारत हासिल है। शानू ने बताया कि उनकी पेंटिग का विषय आंखो पर केंद्रित रहता है और कुछ खास विषयों पर भी आधारित होती हैं जो सामाजिक कुरीतियों को दर्शाती हैं।
पहाड़ी परिवेश और परिस्थतियों में भी उनकी खासी पकड़ है। पेंट,पेंसिल और चारकोल पर आधारित पेंटिंग से आज उन्हें देश भर से काफी आर्डर भी मिल रहे हैं यही नहीं तमाम प्रदर्शनियों में प्रतिभाग कर नेम-फेम दोनों कमा रही हैं।
वहीं सोशल मीडिया से जहां उन्हें आर्डर तो मिल ही रहे हैं साथ ही ऑनलाईन पेंटिग के ज्ञान को साझा भी कर रही हैं करीब दर्जन भर छात्र विदेश से उनके साथ जुड़े हैं जो भारतीय संस्कृति के साथ कुमाऊं की संस्कृति से रुबरु हो रहे हैं।
जल्द वह अपनी टीम को बढ़ाने के साथ महिलाओं और युवतियों को प्रशिक्षण दे उन्हें स्वावलंबी बनाना चाहती हैं। शानू अब तक तमाम प्रदर्शनियों में प्रतिभाग कर पुरस्कार जीत चुकी हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन कला प्रदर्शनी “द डार्क हॉर्स” बालासोर, ओडिशा में भी प्रतिभाग कर चुकी हैं।