मुरादाबाद : पश्चिम यूपी में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

मुरादाबाद, अमृत विचार। पश्चिम यूपी में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ शनिवार को पुलिस ने किया। तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से करीब 18 लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद की गईं। हत्थे चढ़े आरोपियों में एक दवा कंपनी का एमआर है। मेरठ से नशीली दवाओं …
मुरादाबाद, अमृत विचार। पश्चिम यूपी में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ शनिवार को पुलिस ने किया। तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से करीब 18 लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद की गईं। हत्थे चढ़े आरोपियों में एक दवा कंपनी का एमआर है। मेरठ से नशीली दवाओं की तस्करी कराने का वह मुख्य किरदार है। गिरोह के सरगना को दबोचने के लिए पुलिस की एक मेरठ रवाना की गई है। सरगना के पकड़े जाने के बाद ही कारोबार की असल जड़ का पता चलेगा।
एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व सीओ सिविल लाइंस आशुतोष तिवारी ने संयुक्त रूप से बताया कि सिविल लाइंस पुलिस को मुखबिर से खबर मिली नशीली दवाओं की एक बड़ी खेप मेरठ से मुरादाबाद पहुंची है। नशे के सौदागार नशीली दवाएं ठिकाने लगाने की कोशिश में हैं। थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह व कैंप चौकी इंचार्ज विनोद कुमार के नेतृत्व में पुलिस लाइंस तिराहे पर पुलिस टीम ने तीन संदिग्धों को रोका। उनके कब्जे से सील बंद गत्ते बरामद हुए। छानबीन में पता चला कि गत्ते में दवाएं भरी हैं। तब पुलिस ने खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग को दवाइयाों की खेप पकड़े जाने की जानकारी दी। जांच से पता चलाक कि गत्ते में रखी गईं इंजेक्शन का उपयोग नशे के कारोबार में होता है।
पुलिस ने संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। हत्थे चढ़े आरोपियों की पहचान सरफराज पुत्र अशफाक निवासी तेवर खास, थाना बिलारी, नितेश मैसी पुत्र विनोद कुमार मैसी निवासी चन्द्रनगर आजाद नगर, गली जी0के0 वैलकम स्कूल थाना सिविल लाइंस व वसीम पुत्र हासिम निवासी दौलत बाग थाना नागफनी के रूप में हुई। उनके कब्जे से इंजेक्शन, तीन मोबाइल फोन, एक पेन कार्ड, चार एटीएम कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेन्स के अलावा 5,280 रुपये नगद व एक स्कूटी बरामद हुआ। आरोपियों के खिलाफ स्वापक औषधि व मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
वाट्एएप काल व मैसेज भेजकर दवाओं की तस्करी कराता था एमआर
सीओ सिविल लाइंस आशुतोष तिवारी ने बताया कि नशीली दवाओं के काले कारोबार का स्थानीय सरगना एक दवा कंपनी का एमआर सरफराज है। वह मुरादाबाद में किराए की मकान में रहता था। पूछताछ में सरफराज ने बताया कि मेरठ के रहने वाले विक्की की मदद से वह नशीली दवाएं मुरादाबाद मंगाता था। बीते छह माह से नशीली दवाओं का कारोबार हो रहा था। सरफराज के मुताबिक वह कभी विक्की से नहीं मिला। दवा कंपनी में काम करने के चलते मोबाइल फोन के जरिए उसका परिचय विक्की से हुआ। नशीले इंजेक्शन की खेप विक्की रोडवेज की बसों के माध्यम से बुक करता था। सामाना लाने के एवज में वह एक यात्री के बराबर किराए का भुगतान चालक अथवा बस कंडक्टर को करता था। बीते छह माह से गिरोह मुरादाबाद में सक्रिय है।
सम्भल के बहजोई भेजी जाती थी नशे की खेप
छानबीन में पता चला कि मेरठ से मुरादाबाद आने वाला नशे का इंजेक्शन सम्भल के बहजोई में भी भेजा जाता था। पूछताछ में नशे के कारोबारियों ने बताया कि बहजोई का रहने वाला एक मेडिकल स्टोर संचालक सरफराज के संपर्क में था। वह इंजेक्शन के आते ही मुरादाबाद पहुंच कर अपना माल समेट लेता था। शातिर सरफराज महज पांच सौ रुपये का लाभ लेकर इंजेक्शन का सामान अपने सब डीलर को देता था। नितेश मैसी व वसीम के अलावा बहजोई का मेडिकल स्टोर संचालक उसके सब डीलर थे। नशीली दवाइयां का कारोबार करने के आरोप में वर्ष 2019 में कटघर पुलिस सरफराज को गिरफ्तार कर चुकी है। जेल से छूटने के बाद वह दोबारा नशे के कारोबार में लिप्त हो गया।
ऐसे हाथ लगे नशे के तस्कर
सीओ सिविल लाइंस के मुताबिक मझोला पुलिस ने बीते मई माह में जयंतीपुर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की। वहां से 480 नशीले कैप्शूल व 106 इंजेक्शन बरामद हुए। हत्थे चढ़े अरुण कुमार शर्मा ने एमआर के बावत जानकारी पुलिस को मुहैया कराई। तब से पुलिस एमआर की तलाश में जुट गई। नशे के कारोबार की जड़ तक पहुंचने की कवायद में शनिवार को तीन आरोपी हत्थे चढ़ गए। मेरठ के रहने वाले विक्की की गिरफ्तारी के लिए मुरादाबाद की एसओजी टीम रवाना कर दी गई है। जल्द ही विक्की के गिरफ्तार होने का अनुमान है। तब पूरे नेटवर्क की असल जड़ का पता लगेगा।
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