लखनऊ : यूपी पुलिस में तैनात सिपाही ने व्यापारी को किया था अगवा, करंट लगाकर किया टॉर्चर… पढ़ें पूरा मामला

लखनऊ। जनता की सुरक्षा लेकर अधिकारी पुलिसकर्मियों को पुलिसमित्र की संज्ञा देते है, अगर यही पुलिस मित्र का व्यवहार जनता के लिए विपरित हो और द्वेष भावना से जुड़ा हो, तो कोई पुलिस मित्र की मदद से लेने से कतराता है। राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही मामला उजागर हुआ है। जहां यूपी डायल 112 …
लखनऊ। जनता की सुरक्षा लेकर अधिकारी पुलिसकर्मियों को पुलिसमित्र की संज्ञा देते है, अगर यही पुलिस मित्र का व्यवहार जनता के लिए विपरित हो और द्वेष भावना से जुड़ा हो, तो कोई पुलिस मित्र की मदद से लेने से कतराता है। राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही मामला उजागर हुआ है।
जहां यूपी डायल 112 में तैनात सिपाही ने व्यापारी का अपहरण किया था। व्यापारी का आरोप है कि सिपाही कई दिनों से उससे 10 लाख रुपये की रंगदारी मांग रहा था। रुपये न देने पर सिपाही ने अपने साथियों की मदद से व्यापारी को अगवा कर लिया था। इसके बाद व्यापारी को कमरे में ले जाकर नग्न किया और करंट लगाकर टॉर्चर किया था। हालांकि यह मामला एक बानगी मात्र हैं। इससे पहले भी राजधानी लखनऊ में पुलिसकर्मियों की बर्बरता सामने आ चुकी है।
बता दें कि सीतापुर जनपद के रामपुर निवासी मोहन विश्वकर्मा चौक क्षेत्र में पुरानी गाड़ियों की खरीद फरोख्त का कारोबार करते हैं। बीते 02 जुलाई को वह ट्रामा सेंटर भतीजी से मिलने गए थे। जहां बाहर निकलते वक्त ट्रामा सेंटर के पास खड़े चार-पांच दबंगों ने उन्हें जबरन घर में बैठा लिया था और विभूतिखंड की ओर ले गए थे।
व्यापारी का आरोप था कि दबंग चलती कार में उसकी पिटाई करते हुए अपने साथ ले गए थे। जिसके बाद दबंगों ने विभूतिखंड स्थित एमिटी कॉलेज के पास एक मकान में बंधक बना लिया था। फिर व्यापारी को नग्न कर करंट लगाया और वीडियो बनाया। इसके अलावा दस लाख रुपये देने का दवाब बनाया। रुपये न देने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी थी।
व्यापारी ने पुलिस को बताया कि उसके अपहरण में यूपी डॉयल 112 में तैनात सिपाही अलोक तिवारी व उसके साथियों का हाथ है। हालांकि इस केस में चौक कोतवाली पुलिस ने बहराइच जनपद के परखपुर निवासी राहुल की गिरफ्तारी की है। जबकि अन्य लोग फरार हैं।
सूत्रों की मानें तो सिपाही आलोक तिवारी प्रदेश सरकार के एक कद्दावर मंत्री के सरकारी गनर का पाटर्नर है। बीते साल विभूतिखंड थाने में आए विवाद को भी मंत्री जी के गनर की वजह से मामला रफा-दफा किया गया था। तो वहीं सिपाही आलोक तिवारी और मंत्री जी का गनर मंत्री के नाम पर चोरी की गाड़ियों को खपाने का कारोबार करता है।
इससे पहले भी उजागर हुई पुलिसकर्मियों की करतूत
- 30 मई 2021 को कृष्णानगर थानाक्षेत्र की विजयनगर चौकी पर तैनात सिपाही देवेश ने कानपुर के व्यापारी का 10 लाख रुपया गायब कर दिया गया था। दोष सिद्ध होने पर सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया था।
- 30 जुलाई 2021 को आलमबाग नहरीया चौराहे कैब ड्राइवर सआदतअली ने कृष्णानगर थाने में तैनात दरोगा व सिपाही पर 10 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया था।
- 21 जून 2021 को सुशांत गोल्फ सिटी के खुर्दही बाजार चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियों ने भाजपा नेता के बेटे को पैरों के बीच दबाकर बेरहमी से पीटा था। दोष सिद्ध होने पर दारोगा संजय शुक्ला, सिपाही राजेश कुमार और दिनेश को निलम्बित किया गया था।
- 20 मार्च को चारबाग रेलवे स्टेशन पर महिला यात्री से मारपीट करने वाले सिपाही अरुण यादव को एसपी रेलवे ने निलम्बित कर दिया था।
- 16 अप्रैल 2022 को प्रॉपर्टी डीलर का अपहरण करने वाले सिपाही अनिल सिंह और सुधीर सिंह को पुलिस आयुक्त के आदेश निलम्बित किया गया था।
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