मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी पर बोले ओवैसी- क्या फिल्म बनाने वाले भी होंगे अरेस्ट?

मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी पर बोले ओवैसी- क्या फिल्म बनाने वाले भी होंगे अरेस्ट?

नयी दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि पत्रकार जो लिखते हैं, ट्वीट करते हैं और बोलते हैं, उसको लेकर उन्हें जेल नहीं होनी चाहिए। दरअसल, ज़ुबैर को उनके 2018 के एक ट्वीट के ज़रिए धार्मिक भावनाएं आहत करने …

नयी दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि पत्रकार जो लिखते हैं, ट्वीट करते हैं और बोलते हैं, उसको लेकर उन्हें जेल नहीं होनी चाहिए। दरअसल, ज़ुबैर को उनके 2018 के एक ट्वीट के ज़रिए धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इस मामले में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने धोखे से गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, ज़ुबैर को 2018 के ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया गया…पता चला कि उसका दृश्य एक हिंदी फिल्म का था…तो क्या दिल्ली पुलिस केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड व फिल्म निर्माताओं को भी गिरफ्तार करेगी? ऑल्ट न्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी को घेरा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने धोखे से जुबैर को गिरफ्तार किया। उन्हें किसी और केस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी विदेश जाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं और यहां पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया जाता है।

दिल्ली की अदालत ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर से पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि चार दिन के लिए बढ़ा दी। पुलिस ने अदालत से कहा कि आरोपी जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा और उस उपकरण के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उससे हिरासत में पूछताछ जरूरी है जिससे आरोपी ने ट्वीट किया था।

जज ने तीन पन्नों के आदेश में कहा, कथित ट्वीट को पोस्ट करने के लिए आरोपी मोहम्मद जुबैर द्वारा इस्तेमाल उसके मोबाइल फोन या लैपटॉप को उसके बताए अनुसार उसके बेंगलुरु आवास से बरामद करना है और आरोपी ने अब तक सहयोग नहीं किया है, इसे ध्यान में रखते हुए आरोपी की चार दिन की पुलिस हिरासत की अनुमति दी जाती है क्योंकि आरोपी को बेंगलुरु लेकर जाना है। जुबैर को लेकर आज ही पुलिस की एक टीम बेंगलुरु के लिए रवाना होगी। जुबैर को अब 2 जुलाई को अदालत में पेश किया जाएगा।

वहीं, गुजरात दंगों को लेकर तीस्ता सीतलवाड़ व दो पूर्व पुलिस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) की टिप्पणी का भारत ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, बयान पूरी तरह से अनुचित…व भारत की…न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप है।” बकौल बागची, कार्रवाई को एक्टिविज़म का उत्पीड़न कहना…भ्रामक…और अस्वीकार्य है।

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