हल्द्वानी: 65 फीसदी चालकों की आंखों में है खराबी

हल्द्वानी: 65 फीसदी चालकों की आंखों में है खराबी

हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ी इलाकों में सड़क हादसों पर लगाम लगने की संभावना कम है। रोडवेज निगम की बसों को चलाने वालों चालकों व परिचालकों की आंखों की हालत को देखते हुए ऐसा लग रहा है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ओर से परिवहन निगम के चालकों व परिचालकों के लिए लगाए गए नेत्र शिविर में …

हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ी इलाकों में सड़क हादसों पर लगाम लगने की संभावना कम है। रोडवेज निगम की बसों को चलाने वालों चालकों व परिचालकों की आंखों की हालत को देखते हुए ऐसा लग रहा है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ओर से परिवहन निगम के चालकों व परिचालकों के लिए लगाए गए नेत्र शिविर में 65 फीसदी कर्मचारियों की आंखों में कमी पाई गई है। यही नहीं 25 फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हे वाहन न चलाने को कहा गया है।

सड़क हादसों की जब भी बात होती है तो हमेशा सड़क की बदहाली, ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग या ड्राइवर के नशे या नींद में होने की बात कही जाती है। लेकिन जब नेत्र शिविर में चालकों की रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि केवल इन्हीं कारणों को हादसों से नहीं जोड़ा जा सकता। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ओर से लगाए गए दो दिवसीय नेत्र शिविर में काठगोदाम डिपो के कर्मचारियों की आंखों की जांच की गई। जांच रिपोर्ट में हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें से लगभग 65 प्रतिशत ड्राइवर की नजरें न केवल कमजोर निकलीं बल्कि कुछ को तो मोतियाबिंद की भी शिकायत थी।

25 को मोतियाबिंद तो 100 चालकों में निकला रिफ्रेक्टिव एरर
दृष्टि अस्पताल और आईओसी के सौजन्य से आयोजित जांच शिविर में मोतियाबिंद, रिफ्रेक्टिव व नाखूना के मरीज पाए गए। दृष्टि के मनोज दुर्गापाल ने बताया कि लगभग 200 कर्मचारियों की जांच की गई। जिसमें 100 कर्मचारियों की आंखों में रिफ्रेक्टिव एरर, 25 के आंखों में मोतियाबिंद व तीन कर्मचारियों की आंखों में नाखूना पाया गया है। ऐसे में डॉक्टरों ने कर्मचारियों को ऑपरेशन करने व चस्मा लगाने की सलाह दी है। जांच टीम में सुमित , कमलेश, ओमपाल, गंगा प्रसाद आदि मौजूद रहे।

-जिन भी कर्मचारियों के आंखों में कमी पाई उनको जांच पूरी होने तक वाहन नहीं चलाने दिया जाएगा। हालांकि अभी आईओसी की ओर से रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है।

– सुरेश चौहान, सहायक महाप्रबंधक, काठगोदाम डिपो

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