वाराणसी: जानें वट सावित्री की पूजा-अचर्ना का समय, पूरी होगी मनोकामना

वाराणसी: जानें वट सावित्री की पूजा-अचर्ना का समय, पूरी होगी मनोकामना

वाराणसी। आज सब जगह वट सावित्री का पावन अवसर मनाया जा रहा है। दोपहर, शाम और रात कभी भी वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाएं बरगद के पेड़ पूजा-पाठ कर सकती हैं। अपने पति की लंबी उम्र के लिए कामना कर सकती हैं। इस अवसर पर वाराणसी में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के …

वाराणसी। आज सब जगह वट सावित्री का पावन अवसर मनाया जा रहा है। दोपहर, शाम और रात कभी भी वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाएं बरगद के पेड़ पूजा-पाठ कर सकती हैं। अपने पति की लंबी उम्र के लिए कामना कर सकती हैं।

इस अवसर पर वाराणसी में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के महामंत्री पं. कन्हैया त्रिपाठी का कहना है कि काशी खंडोक्त के अनुसार, कंचन वट सावित्री का संयुक्त मंदिर दशाश्वमेध क्षेत्र स्थित मीरघाट के धर्मकूप मुहल्ले में है। यहां आज के दिन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

उन्होंने बताया कि धर्मग्रंथों और हृषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार सावित्री पूजा ज्येष्ठ माह के अमावस्या में मनाई जाती है। इस बार वट सावित्री व्रत और पूजा के दिन को लेकर लोगों को कन्फ्यूजन थी, जिसे दूर कर दिया गया है। धर्मग्रंथों में आज ही के दिन इस पूजा के लिए तय किया गया है। आज व्रत परायण पूजन करें।

तीन मुहूर्त पूरा होने के पहले ही अमावस्या मिल रही है

उन्होंने बताया कि आज सूर्याेदय के बाद तीन मुहूर्त पूरा होने के पहले ही अमावस्या मिल रही है। इसका समय है 2 बजकर 8 मिनट। धर्मसिंधू ग्रंथ का हवाला देते हुए पं. त्रिपाठी ने बताया है कि यदि सूर्योदय के तीसरे मुहूर्त से पहले अमावस्या मिल रही है तो उसी दिन वट सावित्री की पूजा होगी। इस घड़ी में पूरे दिन कभी भी पूजा-पाठ हो सकती है। आज पहला मुहूर्त 9 बजे, दूसरा मुहूर्त 12 बजे और तीसरा मुहूर्त तीन बजे से है। ऐसे में उसके पहले अमावस्या मिल जा रही है। बताया जाता है कि देवी सावित्री भी वट वृक्ष में प्रतिष्ठित रहती हैं। इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पतिव्रत धर्म से मृत पति को फिर से जीवित किया था। तभी से पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखा जाने लगा।

रक्षासूत्र बांधकर पेड़ के 27 फेरे लगाने होंगे

पति की लंबी उम्र की कामना
परिवार की सुख शांति के लिए प्रार्थना
वत वृक्ष पर रक्षा सूत्र बांधी जाती है।
बरगद के कम से कम 27 फेरे लेने होंगे।
वट वृक्ष में ब्रह्म, विष्णु तीनों भगवान का वास होता है। इसलिए, मान्यता है आज व्रत और पूजा करने वाली महिलाओं की हर इच्छा पूरी होती है।
पूजा करने से शारीरिक समस्याएं खत्म होती हैं।

पढ़ें-गाजियाबाद: मासूम बच्ची बनी पड़ोसी के हैवानियत का शिकार, आरोपी गिरफ्तार

ताजा समाचार