मुरादाबाद : स्वास्थ्य योजनाओं की लचर प्रगति से छूट रहा पसीना

मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद करेंगे। इसके पहले ही जिले में चिकित्साधिकारियों को स्वास्थ्य योजनाओं की लचर प्रगति के चलते अभी से पसीना छूट रहा है। क्योंकि योजनाओं की कम प्रगति से प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में चिकित्साधिकारियों की फजीहत हो चुकी है। प्रधानमंत्री …
मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद करेंगे। इसके पहले ही जिले में चिकित्साधिकारियों को स्वास्थ्य योजनाओं की लचर प्रगति के चलते अभी से पसीना छूट रहा है। क्योंकि योजनाओं की कम प्रगति से प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में चिकित्साधिकारियों की फजीहत हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की भी जिले में बहुत अच्छी प्रगति नहीं है। जिले में योजना के 3,09,403 लाभार्थी परिवार हैं। जिसमें कुल लाभार्थियों की संख्या 13,71,275 है। इनमें से केवल 3,66,383 को आयुष्मान कार्ड जारी किया गया है। जो कुल उपलब्धि का महज 26.72 प्रतिशत है। जिसके चलते जिले की प्रदेश में 18वीं रैंक है।
वहीं, योजना में अब तक 36,800 लाभार्थियों को ही गंभीर बीमारी की स्थिति में पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इनके इलाज पर 43.83 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इलाज की प्रगति के आधार पर जिले की प्रदेश में 13वीं रैकिंग है। इसमें और सुधार के लिए प्रयास भले ही करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी यही बनी है। वहीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में भी पहली बार गर्भवती महिलाओं को पांच हजार रुपये पौष्टिक आहार के लिए दिए जाते हैं।
योजना में लक्षित 97,552 में से 60 प्रतिशत को ही लाभ मिल पाया है। अब केंद्र सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए तीसरी किश्त के लिए 730 दिन के अंदर फार्म भरने की सहूलियत भी दे दी है। इस योजना में जिले की प्रदेश में 41वीं रैंक होने से किरकिरी हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजनाओं की लचर प्रगति से इसके लाभार्थियों का संवाद कराने में कहीं असलियत खुल गई तो अधिकारियों की फजीहत फिर तय है।
कोविडरोधी टीकाकरण की कम प्रगति भी करा सकती है फजीहत
जिले में कोविडरोधी टीकाकरण की कम प्रगति भी प्रधानमंत्री के सामने कहीं फजीहत न करा दे। इसको लेकर भी चिकित्साधिकारी चिंता में हैं। हालांकि यह संवाद कार्यक्रम तय होने के पहले लगभग दो महीने से चिकित्साधिकारी टीकाकरण को लेकर सुस्त हैं तो टीका लगवाने वाले उदासीनता बरत रहे हैं। अभी तक जिले में 12-14 वर्ष के 65 प्रतिशत बच्चों को ही टीका लगा है। जबकि बूस्टर डोज भी महज 43349 को ही लगी है।
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