मुरादाबाद : भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी वर्दी की करतूतों ने खाकी को किया बदनाम
मुरादाबाद,अमृत विचार। पुलिस के जवान के भीतर से विभागीय व कानूनी कार्रवाई का खौफ निकलता जा रहा है। यही वजह है कि पुलिस कर्मियों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वर्दी के भ्रष्टाचार के दलदल में फंसने से खाकी की बदनामी हो रही है। फिर भी पुलिस कर्मी नहीं चेत …
मुरादाबाद,अमृत विचार। पुलिस के जवान के भीतर से विभागीय व कानूनी कार्रवाई का खौफ निकलता जा रहा है। यही वजह है कि पुलिस कर्मियों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वर्दी के भ्रष्टाचार के दलदल में फंसने से खाकी की बदनामी हो रही है। फिर भी पुलिस कर्मी नहीं चेत रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने रविवार को पाकबड़ा थाने में तैनात रहे एक सिपाही को भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से एसएसपी ने साफ संदेश दे दिया कि भ्रष्टाचार में संलिप्तता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। धन उगाही व काले कारोबार में लिप्त पुलिस कर्मियों पर गाज गिरनी तय है। सिपाही की बर्खास्तगी से हालात में सुधार होने की संभावना कम है।
मुरादाबाद पुलिस का अतीत गवाही दे रहा है कि कठोर कार्रवाई के बाद भी पुलिस नहीं चेती। वर्ष 2019 में कटघर के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय गर्ग पर लुटेरों से सांठगांठ व धन उगाही का आरोप लगा। तत्कालीन एसएसपी ने इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देते हुए सस्पेंड कर दिया। जून 2021 को सिविल लाइंस थाने की पूरी फकरीपुरा चौकी को नशे के कारोबार में लिप्त है पर छह पुलिस कर्मियों को लाइन भेज दिया गया। जून 2021 में ही भोजपुर थाने के सिपाही फिरदौस को रिश्वत में लैपटाॅप की मांगने के आरोप निलंबित किया गया। 14 अप्रैल 2017 को कटघर में तैनात उप निरीक्षक अजय कुमार पर मुकदमे से नाम निकालने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा। तब पीड़ित ने शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन से की। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ट्रेप टीम ने अनिल कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। जांच में दोषी मिलने पर दारोगा को बर्खास्त कर दिया गया।
कबाड़ी से वसूली में सिपाही बर्खास्त
भ्रष्टाचार में लिप्त सिपाही को एसएसपी हेमंत कुटियाल ने बर्खास्त कर दिया है। पाकबड़ा थाने में तैनाती के दौरान कबाड़ी से धन उगाही के आरोप में सिपाही निलंबित चल रहा था। सिपाही एसपी ट्रैफिक की जांच में दोषी मिला था।
सीओ हाईवे डा. गणेश कुमार गुप्ता के मुताबिक, सिपाही सचिन कुमार की तैनाती आठ माह पहले पाकबड़ा थाने के ग्रोथ चौकी सेंटर पर थी। उस समय सचिन पर धन उगाही का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो के जरिए रतनपुर कलां के रहने वाले अंसार ने दावा किया कि वह कबाड़ का काम करता है। कबाड़ से भरा ट्रक रोक कर सिपाही ने उससे रुपये की वसूली की। तब कबाड़ी ने सिपाही का वीडियो बना लिया था। मामला प्रकाश में आते ही उच्चाधिकारी हरकत में आ गए थे।
जांच में सिपाही धन उगाही का दोषी मिला
मामले का संज्ञान लेते हुए सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। एसएसपी ने वायरल वीडियो की सत्यता व सिपाही पर लगे भ्रष्टाचार की जांच का आदेश दिया। मामले की जांच एसपी ट्रैफिक अशोक कुमार को सौंपी गई। जांच में सिपाही धन उगाही का दोषी मिला। जांच रिपोर्ट के आधार पर रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पदेन दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता, पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में उप्र अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम 14(1) के उपनियम 4(1) (क) (एक) में निहित प्रावधानों के तहत सिपाही सचिन को बर्खास्त कर दिया।
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