कैसे हो युद्ध का अंत

कैसे हो युद्ध का अंत

रूस और यूक्रेन के बीच 69 दिन से जारी युद्ध को समाप्त कराने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास धीमे पड़ते नजर आ रहे हैं। बार-बार युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बयानबाजी से दुनिया भर के लोगों के मन में डर है। मंगलवार को ब्रिटेन ने कहा कि वह रूस के हमले से जूझ रहे यूक्रेन …

रूस और यूक्रेन के बीच 69 दिन से जारी युद्ध को समाप्त कराने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास धीमे पड़ते नजर आ रहे हैं। बार-बार युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बयानबाजी से दुनिया भर के लोगों के मन में डर है। मंगलवार को ब्रिटेन ने कहा कि वह रूस के हमले से जूझ रहे यूक्रेन के लिए 30 करोड़ पाउंड का रक्षात्मक सैन्य सहायता पैकेज देगा।

पैकेज में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण, काउंटर बैटरी रडार सिस्टम, जीपीएस जैमिंग उपकरण और हजारों नाइट विजन उपकरण शामिल होंगे। साथ ही अमेरिका यूक्रेन को ‘जंग का बादशाह’ कहे जाने वाली अपनी घातक तोप एम 777 दे रहा है। अमेरिका के एक वरिषठ अधिकारी के मुताबिक अब तक यूक्रेन को 90 तोपों और 70 हजार गोलों की सप्लाई कर दी गई है। इन तोपों की मदद से यूक्रेनी सेना रूसी हमले की क्षमता को कमजोर कर सकती है।

इससे रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा चलने की आशंकाएं पैदा हो रही हैं। यदि युद्ध जल्द नहीं रुकता है तो दुनिया में खाद्य सुरक्षा का गंभीर संकट पैदा हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी में कहा कि यूक्रेन संकट के कारण तेल और खाद की कीमतें आसमान छू रही हैं। विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एक मात्र उपाय है।

भारत का मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा। इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। उम्मीद की जा रही थी कि कोरोना के बाद दुनिया ऐसी महामारियों और उसके आर्थिक प्रभावों को रोकने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए एकजुट होगी। इसके बजाय दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध में फंस गई।

युद्ध को लेकर पुतिन की आक्रामक कार्रवाई को माफ नहीं किया जा सकता वहीं नाटो और अमेरिका की भूमिका भी षड्यंत्रकारी कही जा रही है। ऐसे में हथियारों की होड़ बढ़ती जा रही है जबकि लोग बातचीत के माध्यम से युद्ध की तत्काल समाप्ति चाहते हैं।

ब्रिटेन ने कहा कि रूस तमाम प्रयासों के बावजूद यूक्रेन पर हावी होने में सक्षम नहीं हो सका है। सही है कि रूस को अभी तक युद्ध में अपेक्षित सफलता नहीं मिली है और न ही उसने ऐसा कुछ दावा किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार रूस के विरुद्ध यूरोपीय संघ नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर सकता है। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों की परिषद की अगली बैठक में प्रतिबंधों के छठें पैकेज की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। सवाल है कि ऐसे में युद्ध का अंत कैसे होगा।