हल्द्वानी: जिया रानी के मंदिर को सजाने के लिए कटारमल से पहुंचे पत्थर

हल्द्वानी: जिया रानी के मंदिर को सजाने के लिए कटारमल से पहुंचे पत्थर

हल्द्वानी, अमृत विचार। रानीबाग स्थित कत्यूरी वंशजों की आराध्य देवी जिया रानी के मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हो गया है। मंदिर के गुंबद सहित पूरे मंदिर को पुरातन शैली से सजाया जाएगा। मंदिर को सजाने के लिए पत्थर अल्मोड़ा जिले के कोसी-कटारमल से मंगाए गए हैं। यहां काम कर रहे पत्थर कारीगरों ने बताया कि …

हल्द्वानी, अमृत विचार। रानीबाग स्थित कत्यूरी वंशजों की आराध्य देवी जिया रानी के मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हो गया है। मंदिर के गुंबद सहित पूरे मंदिर को पुरातन शैली से सजाया जाएगा। मंदिर को सजाने के लिए पत्थर अल्मोड़ा जिले के कोसी-कटारमल से मंगाए गए हैं। यहां काम कर रहे पत्थर कारीगरों ने बताया कि लगभग एक साल में काम पूर्ण कर लिया जाएगा। पत्थरों में महीन नक्काशी भी होगी जो काफी मेहनत का काम है।

अभी पत्थरों की कटिंग की जा रही है जो हाथों से ही की जा सकती है। मंदिर का गुंबद कुछ-कुछ जागेश्वर मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा, पत्थरों में की जाने वाली नक्काशी इसमें चार चांद लगाएगी। मंदिर के पुजारी ललित गोस्वामी ने बताया कि कत्यूर वंशज ही मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। बताया कि पहले चरण में मंदिर का गुंबद निर्माण किया जाएगा।

उसके बाद मंदिर की दीवारों और सीढ़ियों को भी संवारा जाएगा। इधर, अल्मोड़ा से पहुंचे तीन कारीगर भोला शंकर, मनोज लाल और महेंद्र प्रसाद पत्थरों को तराशने का काम कर रहे हैं। कारीगरों के मुताबिक पत्थर काफी कठोर हैं और एक पत्थर को तराशने में कम से कम एक दिन लगता है वह भी पूरी सावधानी के साथ नहीं किया गया तो पूरी मेहनत पर पानी फिरने में देर नहीं लगती। उधर श्रद्धालुओं में मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर काफी खुशी है।