उप मुख्यमंत्री की चेतावनी के बाद भी कमियों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं अस्पताल प्रशासन, आज भी जस के तस रहे हालात

उप मुख्यमंत्री की चेतावनी के बाद भी कमियों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं अस्पताल प्रशासन, आज भी जस के तस रहे हालात

बाराबंकी। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निरीक्षण और चेतावनी के बावजूद जिला अस्पताल का प्रशासन कमियों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल के अधिकारियों को आईना दिखाया था। कमियों को दूर करने के लिए भी कहा था लेकिन दीवारों पर लगे जाले मंगलवार को भी लटकते …

बाराबंकी। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निरीक्षण और चेतावनी के बावजूद जिला अस्पताल का प्रशासन कमियों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल के अधिकारियों को आईना दिखाया था। कमियों को दूर करने के लिए भी कहा था लेकिन दीवारों पर लगे जाले मंगलवार को भी लटकते रहे।

पर्चा बनवाने वाले काउंटर पर अतिरिक्त काउंटर नहीं लगाए गए। मंगलवार को जिला अस्पताल में अवस्थाएं पहले जैसी ही नजर आई। वाटर कूलर सोमवार के तर्ज पर मंगलवार को भी भी गर्म पानी दे रहा है। दूसरे खराब पड़े वाटर कूलर को भी ठीक करने का काम प्रारंभ नहीं हुआ। अस्पताल परिसर की गंदी नालियों की सफाई भी प्रारंभ नहीं हो सकी। ओपीडी में कई डाक्टर नदारद रहे ।

दर्द से परेशान महिला दरोगा करती रही डॉक्टर का इंतजार

मंगलवार समय 11:00 बजे दिन का है महिला दरोगा मुन्नी सिंह पेट दर्द से परेशान है। इमरजेंसी में दर्द का इंजेक्शन दिया गया। ओपीडी में फिजीशियन ने देख सर्जरी डिपार्टमेंट में रेफर कर दिया है। सर्जरी डिपार्टमेंट में कोई डॉक्टर न होने के कारण लगभग पौन घंटे महिला दरोगा अस्पताल के बेंच पर लेटी रही। उनके साथ में आई महिला कांस्टेबल से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया डॉ. राउंड पर है।

कोविड हेल्प डेस्क और सहायता केंद्र में नहीं दिखा कोई कर्मचारी

अस्पताल के अंदर बने कोविड हेल्प डेस्क पर किसी भी कर्मचारी के ना होने पर उपमुख्यमंत्री ने सोमवार को नाराजगी जताई थी। मंगलवार 10:30 बजे का आलम यह था कि वहां पर्चा बनाने के लिए आज भी दो ही काउंटर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को औचक निरीक्षण के दौरान सामान्य मरीज की तरह पर्चा बनवाने के लिए लगभग 5 मिनट लाइन में लगे रहे। मरीजों की लंबी लाइन देख उपमुख्यमंत्री ने सीएमएस को निर्देश दिए कि मरीजों का दबाव अधिक है दो काउंटर से काम नहीं चलेगा।काउंटर बढ़ाइये। बावजूद इसके ओपीडी में दिखाने के लिए पंजीकरण के दो ही काउंटर खुले रहे ।

…. तो नहीं आया उपमुख्यमंत्री का फोन

इमरजेंसी वार्ड में अपने निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री एक-एक मरीज के बेड पर जाकर अस्पताल की व्यवस्था को लेकर सवाल कर रहे थे। और लोगों से उनका कुशलक्षेम जानने की कोशिश करते रहे। अपने निरीक्षण के दौरान मिठवा पुर मजरे भगोरा थाना सफदरगंज की ममता का उन्होंने हाल जाना उनके परिजनों ने अव्यवस्था को लेकर उप मुख्यमंत्री से शिकायत की उपमुख्यमंत्री ने अपने निजी सचिव को नंबर नोट कराया और फीड बैंक लेने की बात कही। इसी वार्ड में रुदौली जनपद अयोध्या के गांव जलालपुर की एक बच्ची इसका नाम मनीषा है उनके परिजनों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिजनों ने जब उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से यह बताया तो उन्होंने परिजनों को यह कहते हुए आश्वत किया था कि मेडिकल कालेज और पीजीआई में जरूरत पड़ने पर इलाज की व्यवस्था मैं कराऊंगा आप चिंता मत कीजिए ।यह कहते हुए उपमुख्यमंत्री ने बच्ची के सर पर बड़ी आत्मीयता से हाथ फेरा। अपने निजी सचिव को नम्बर नोट कराया। मंगलवार जब इन दोनों के परिजनों से पूछा गया कि उपमुख्यमंत्री के यहां से कोई फोन तो नहीं आया तो दोनों ने उदास भरे लहजे में कहा अभी तो नहीं आया पर मुझे भरोसा है मेरी बच्ची की मदद का भरोसा दिला कर उपमुख्यमंत्री जी गये है वो औरों जैसे नहीं मुझे यकीन है कि मेरी परेशानी समझ कर ही वो हमारा नम्बर नोट कर लें गये है ।मुझे उनसे बड़ी उम्मीदें हैं ।

कपड़े तो बदल गये पर दाढ़ी जब की तस

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को अपने निरीक्षण के दौरान एक अधेड़ बेड पर बैठा मिला गंदे कपड़े बढ़ी दाढ़ी देख उपमुख्यमंत्री ने सीएमएस से कहा पैसा न हो तो मैं दे दूं ।इसको नहला धुला कर कपड़े बदलवाओ । दाढ़ी बनवाओ ऐसी गंदगी में तो बीमारियां इसका पीछा नहीं छोड़ेगी । मंगलवार को उस मरीज के कपड़े तो बदला दिये गये ।पर दाढ़ी जस की तस है।

इमरजेंसी वार्ड का पंखा नहीं हो सका ठीक

वार्ड में निरीक्षण के दौरान मरीजों की शिकायत थी वार्ड में एक पंखा बंद पड़ा हुआ है भीषण तपिश में मरीजों को परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पास में खड़े सीएमएस से कहा तुरंत फोन करके बिजली वाले को बुलाइए गर्मी में पंखा बंद पड़ा है मरीज परेशान हैं। सोलह घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद स्थितियां जस की तस बनी है।

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