अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की हुई बैठक, मंदिर परिसर में इन मंदिरों के बनाने पर हुआ मंथन

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की हुई बैठक, मंदिर परिसर में इन मंदिरों के बनाने पर हुआ मंथन

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक मंगलवार शाम स्थानीय सर्किट हाउस में सम्पन्न हुई। इस दौरान यह चर्चा हुई कि श्रीराम मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी, निषादराज, जटायु और माता जानकी का मंदिर भी बने। इस प्रस्ताव को ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से सैद्धांतिक सहमति दिए जाने की बात सामने …

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक मंगलवार शाम स्थानीय सर्किट हाउस में सम्पन्न हुई। इस दौरान यह चर्चा हुई कि श्रीराम मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी, निषादराज, जटायु और माता जानकी का मंदिर भी बने। इस प्रस्ताव को ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से सैद्धांतिक सहमति दिए जाने की बात सामने आई है।

इसके अलावा बैठक में परकोटा और रिटेंनिंग वाल के निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई। साथ ही गर्भगृह में रामलला को बाल्यरूप में विराजित करने की बात भी हुई है। सर्किट हाउस में घंटों चली बैठक के दौरान ट्रस्ट के दस सदस्य मौजूद रहे जबकि चार सदस्यों ने बैठक में आनलाइन सहभागिता की। अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास स्वास्थ्य के कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके।

ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने मीडिया को बताया कि 18 अप्रैल को सुबह नौ बजे से सायं पांच बजे तक बैठक चली। जिसमें ट्रस्ट व भवन निर्माण समिति के सदस्य व इंजीनियर भी शामिल रहे। मंगलवार को भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक हुई।

जिसमें यह चर्चा हुई कि अयोध्या के प्रत्येक मंदिर में गणेश जी विराजमान है परन्तु भगवान गणेश का कोई इकलौता मंदिर नहीं है। इसी तरह सीता माता भी देश भर में आदर्श के रूप में जानी जाती हैं उनका भी मंदिर परिसर में बनना जरूरी है। बैठक में भगवान रामलला की मूर्ति के स्वरूप को लेकर भी चर्चा हुई। बताया गया कि भगवान रामलला की मूर्ति बाल्यरूप में ही बनने के विषय पर मंथन किया गया। इसके अलावा मूर्ति किस प्रकार से बने सदस्यों की राय ली गई। किस रंग के पत्थर से बने।

सफेद, कालाया फिर ग्रे पर चर्चा हुई है। इस पर अभी आगे सहमति बननी है। उन्होंने बताया कि मंदिर खुलने के समय को लेकर भी बात उठी थी। इस पर अभी मंथन किया जा रहा है। ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि 2020-21 का श्रीराम मंदिर का आडिट रिटर्न भी दाखिल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 तक गर्भगृह में रामलला को विराजित कर देंगे। बैठक के दौरान एलएंडटी के इंजीनियर भी मौजूद रहे।

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