रायबरेली: पशुओं के नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादन पर सिखाई वैज्ञानिक विधि

रायबरेली: पशुओं के नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादन पर सिखाई वैज्ञानिक विधि

रायबरेली। अगर वैज्ञानिक तकनीक अपनाई जाए तो पशुओं में न सिर्फ नस्ल की सुधार हो सकती है, बल्कि स्वच्छ दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी भी संभव है। इस वैज्ञानिक तकनीक के बारे में कृषि विज्ञान केंद्र दरियापुर द्वारा आयोजित गौ आधारित प्राकृतिक खेती एवम डेरी उद्योग में महिलाओ का योगदान की चौपाल में कृषि विशेषज्ञों ने …

रायबरेली। अगर वैज्ञानिक तकनीक अपनाई जाए तो पशुओं में न सिर्फ नस्ल की सुधार हो सकती है, बल्कि स्वच्छ दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी भी संभव है। इस वैज्ञानिक तकनीक के बारे में कृषि विज्ञान केंद्र दरियापुर द्वारा आयोजित गौ आधारित प्राकृतिक खेती एवम डेरी उद्योग में महिलाओ का योगदान की चौपाल में कृषि विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी है ।

जिले के ग्राम लोहरा,सहजौरा विकास खण्ड सतांव, रायबरेली मे आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिरीश चंद्र मिश्र,उपाध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ तथा अध्यक्ष नानक चंद लख्मानी, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी, लखनऊ थे।

उक्त अवसर पर प्राकृतिक खेती करने वाले प्रगतिशील कृषक  रामगोपाल सिंह चंदेल, शेशपाल सिंह,शमहीप मिश्रा, जे पी सिंह,सत्य प्रकाश मिश्र ने अपने अपने विचार व्यक्त किये ।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के पशुपालन अनुभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाश, प्रोफेसर एम पी एस यादव ने पशुओं के नस्ल सुधार एवं स्वच्छ दुग्ध उत्पादन पर तकनीकी जानकारी प्रदान की ।

कृषि विज्ञान केन्द्र दरियापुर रायबरेली की अध्यक्ष डा निलमा कुवर, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा आर पी एन सिंह,डा ओ पी वर्मा एवँ डा दिपाली चौहान ने कृषको को तकनीकी जानकारी प्रदान किया।

उक्त अवसर पर रायबरेली जनपद के विभिन्न विकास खण्डों के गो आधारित प्रकृतिक खेती करने वाले लगभग दो सौ  कृषको एवं कृषक महिलाओ ने भाग लिया।मंच संचालन डा आर पी एन सिंह तथा शेखर त्रिपाठी ने किया।

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