मुरादाबाद : अनुभाग स्वीकृत, भवन निर्माण के लिए नहीं मिला बजट

मुरादाबाद/अमृत विचार। मुरादाबाद में बनी बी कैटेगिरी विधि विज्ञान प्रयोगशाला में फिलहाल प्रस्तावित अनुभागों के शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। जिसकी वजह है कि बजट व स्टाफ की कमी के कारण भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। डीएनए और आग्नेयशास्त्र विभाग की लैब निर्माण का प्रस्तावित बजट भी शासन …
मुरादाबाद/अमृत विचार। मुरादाबाद में बनी बी कैटेगिरी विधि विज्ञान प्रयोगशाला में फिलहाल प्रस्तावित अनुभागों के शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। जिसकी वजह है कि बजट व स्टाफ की कमी के कारण भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। डीएनए और आग्नेयशास्त्र विभाग की लैब निर्माण का प्रस्तावित बजट भी शासन स्तर पर लटका हुआ है। जिस कारण इनकी जांच के लिए आगरा और लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ रही है। यह हालात तब हैं जब काफी समय पहले ही दोनों अनुभागों को चालू करने की स्वीकृति शासन से मिल चुकी है। हालांकि भर्ती प्रक्रिया अंतिम दौर में चलने के कारण आचार संहिता के बाद से लैब खुलने की उम्मीद जगी है।
अनसुलझे अपराध के मामलों में फंसे पेंच को सुलझाने के लिए बनी विधि विज्ञान प्रयोगशाला खुद स्टॉफ की कमी के पेंच में फंस गई है। बी कैटेगिरी की इस प्रयोगशाला में लंबे समय से वैज्ञानिक स्तर से लेकर फोटोग्राफर तक के पद रिक्त चल रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि मौजूदा समय में प्रयोगशाला में 60 के सापेक्ष केवल 15 लोगों का स्टॉफ है। यह आलम तब है जब मुरादाबाद मंडल के अलावा बरेली मंडल के अनसुलझे मामले में भी इसी प्रयोगशाला में जांच के लिए आते हैं।
आचार संहिता के बाद प्रयोगशाला खुलने की उम्मीद
हालांकि शासन से दोनों अनुभाग खोलने की मंजूरी मिलने के बाद अब पेंच भवन पर फंस गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो शुरुआत में प्रयोगशाला का भवन पांच मंजिला बनना था। इसके लिए करीब साढ़े पांच करोड़ का बजट मंजूर भी हुआ था। हालांकि अभी तक केवल तीन मंजिल का निर्माण हो सका है। पूरा बजट न मिलने के कारण भवन का निर्माण अधर में लटका है। ऐसे में मंजूरी के बाद भी लैब खोलना मुश्किल हो रहा है। वहीं स्टाफ का टोटा भी बड़ी समस्या है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दोनों अनुभाग की मंजूरी के समय बजट स्वीकृति होने के संकेत शासन से मिले थे। इस बीच चुनावी सुगबुगाहट शुरू होने के कारण बजट लटक गया। आचार संहिता के बाद बजट मिलने की उम्मीद है।
जांच के लिए बने हैं नौ अनुभाग
प्रयोगशाला में जांच के लिए नौ अनुभाग बनें हैं। जिसमें भौतिकी, प्रलेख, रसायन, विष, बॉयोलोजी, सीरोलॉजी, कप्यूटर फारेंसिक, क्राइम सीन मैनेजमेंट व फोटोग्राफर अनुभाग हैं। इन मामलों से संबंधित बरेली-मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों की जांच यहीं पर होने आती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अगली कार्रवाई करती है।
स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए शासन स्तर पर तैयारी हो चुकी है। अभी तक पत्राचार के अनुसार आचार संहिता हटने के बाद बजट मिलने के संकेत मिले हैं। -कपिल देव, उप निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला
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