बरेली: सुभाषनगर में जलभराव को भी नहीं बनाया चुनावी मुद्दा

बरेली: सुभाषनगर में जलभराव को भी नहीं बनाया चुनावी मुद्दा

बरेली,अमृत विचार। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सुभाषनगर में 90 करोड़ के बड़े बजट से ओवरब्रिज का निर्माण मंजूर हो गया है। इसे लेकर कार्यदायी संस्था जल्द ही काम शुरू करने का दावा कर रही हो। फिर भी सुभाषनगर पुलिया के नीचे वर्षों से जलभराव की समस्या झेल रही आसपास के इलाकों की हजारों की …

बरेली,अमृत विचार। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सुभाषनगर में 90 करोड़ के बड़े बजट से ओवरब्रिज का निर्माण मंजूर हो गया है। इसे लेकर कार्यदायी संस्था जल्द ही काम शुरू करने का दावा कर रही हो। फिर भी सुभाषनगर पुलिया के नीचे वर्षों से जलभराव की समस्या झेल रही आसपास के इलाकों की हजारों की आबादी को इस परियोजना से कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल बनने से राहगीरों को सुविधा मिलेगी। वे जलभराव झेले बगैर आसानी से गुजर जाएंगे लेकिन पुलिया के नीचे जलभराव की समस्या का निस्तारण करने के लिए अब तक कोई प्रोजेक्ट तैयार नहीं किया गया है। यह समस्या भले ही शहर की बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करती हो लेकिन पूर्व में किसी राजनीतिक दल ने संघर्ष नहीं किया।

चुनाव के समय में भी पार्टियों के इसे चुनावी मुद्दे में शामिल न करने से लोगों में निराशा है। सुभाषनगर पुलिया के नीचे अरसे से हो रहा जलभराव शहर के लोगों को दर्द दे रहा है। बारिश में पुलिया में कई फुट तक पानी भरने से राहगीरों का निकलना तक मुश्किल हो जाता है। रेलवे वर्ष 2004 में इस पुलिया के चौड़ीकरण का काम करा चुका है। बावजूद रेलवे इस समस्या को लेकर सामने नहीं आया।

इससे वर्षों तक जनता सुभाषनगर पुलिया के नीचे जलभराव की समस्या झेलती रही। अब स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सुभाषनगर ओवरब्रिज को मंजूरी मिल चुकी है। करीब 90 करोड़ रुपये से 700 मीटर लंबे पुल का निर्माण होना है। पुल निर्माण में रेलवे को पुलिया के ऊपर वाले हिस्से का निर्माण करना है। इसके लिए रेलवे की तरफ से 52.88 करोड़ रुपये का आगणन बनाकर भेजा था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के भारी बजट से सुभाषनगर में ओवरब्रिज का निर्माण तो हो जाएगा, लेकिन पुलिया के नीचे होने वाले जलभराव का अब तक समाधान नहीं निकला है। इससे पुलिया के आसपास रहने वाली हजारों की आबादी को स्मार्ट सिटी का करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद राहत नहीं मिलेगी। शहर की बड़ी समस्याओं में शामिल होने के बाद भी यह चुनावी मुद्दा नहीं बन पाई। राजनीतिक दलों की उपेक्षा लोगों को निराश कर रही है।

सुभाषनगर में जलभराव को लेकर ये है बड़ी समस्या
-सुभाषनगर पुलिया के नीचे शहर के दो बड़े नाले बहते हैं। बारिश में नालों के उफनाने से पुलिया जलमग्न हो जाती है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतें होती है। जाम की समस्या अब भी बरकरार है। लोगों ने सुझाव दिया था कि रेलवे कॉलोनी से होकर दोनों नाले वीरभट्टी को निकाले जा सकते हैं। इसके लिए रेलवे को ही अनुमति देनी होगी। कई बार इस मांग ने जोर पकड़ा लेकिन अब तक इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं शुरू हुआ। जनप्रतिनिधियों ने इसे लेकर कोई तेजी नहीं दिखाई।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
-सुभाषनगर पुलिया के नीचे लंबे समय से जलभराव की समस्या है। शहर की बड़ी दिक्कतों में शामिल इस मामले को लेकर राजनीतिक पार्टियों की उपेक्षा निराशा पैदा करने वाली है। -बीके सिंह

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सुभाषनगर में पुल का निर्माण तो हो जाएगा लेकिन इससे आसपास जलभराव की समस्या झेल रही जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी। यह बड़ी समस्या है। -मीनाक्षी वर्मा

रेलवे और स्थानीय प्रशासन को मिलकर सुभाषनगर पुलिया के नीचे जलभराव की समस्या को दूर करना चाहिए। इसे लेकर जनप्रतिनिधियों को गंभीर होने की जरूरत है। -प्रेमपाल

सुभाषनगर में जरा सी बरसात में पुलिया के नीचे तालाब बन जाता है। यह समस्या सभी नेताओं और अधिकारियों को पता होने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ। -परमानंद

पुल के साथ नाला निर्माण की भी व्यवस्था हो तभी सुभाषनगर के लोगों को जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसके लिए नेताओं को भी आगे आना चाहिए। -देशराज सिंह

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