हिंद महासागर में ईरान, रूस और चीन का संयुक्त ‘युद्धाभ्यास’ शुरू

तेहरान। भारत के हाथों हर मोर्चे पर मात खाने के बावजूद चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से ईरान, रूस और चीन की नौसेनाओं ने शुक्रवार को हिंद महासागर में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। ईरान की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। ईरान के सरकारी टेलीविजन …
तेहरान। भारत के हाथों हर मोर्चे पर मात खाने के बावजूद चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से ईरान, रूस और चीन की नौसेनाओं ने शुक्रवार को हिंद महासागर में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। ईरान की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने बताया कि इस युद्धाभ्यास में उसके 11 जलपोत, रूस के विध्वंसक सहित तीन जलपोत और चीन के दो जलपोत हिस्सा ले रहे हैं।
Russia, China and Iran to kick off Joint Naval Excercise in #IndianOcean from tommorow. The drill will start from #chabaharport, Iran. Missile Cruisers, Large Area Tankers and a Large Anti-Submarine Warfare Ship will be weiled in excercise.
IADN #Exclusive #Russia #China #Iran pic.twitter.com/0FJ0mwiVib— Indian Aerospace Defence News (IADN) (@NewsIADN) January 20, 2022
चैनल के मुताबिक इस युद्धाभ्यास में रेवल्यूशनरी गार्ड भी छोटे जलपोत और हेलीकॉप्टर के साथ हिस्सा लेंगे। खबर के मुताबिक हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में यह युद्धाभ्यास 17 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया जाएगा और इस दौरान रात में लड़ने, बचाव अभियान और आग से लड़ने का अभ्यास किया जाएगा।
वर्ष 2019 से लेकर अबतक तीनों देशों का यह तीसरा संयुक्त नौसेना युद्धाभ्यास है। यह युद्धाभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने बृहस्पतिवार को ही अपनी रूस यात्रा समाप्त की है। रईसी ने कहा, ”तेहरान और मॉस्को के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार से इलाके और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा मजबूत होगी।”
अमेरिका ने ईरान पर लगाया हुआ है प्रतिबंध
ईरान परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका ने तेहरान पर पिछले कई सालों से कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं। वियना में समझौते को लेकर फिर से बात हो रही है लेकिन बातचीत में कुछ खास प्रगति होती नहीं दिखी है। अमेरिका ने यूक्रेन को लेकर रूस को भी धमकी दी है। उसने कहा है कि यूक्रेन पर हमला करने पर रूस पर ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जो उसने कभी देखे न होंगे। ऐसे में विशेषज्ञ इस अभ्यास को यूक्रेन से जोड़कर भी देख रहे हैं।