बरेली: बिना शिक्षकों के लक्ष्य साध रहे जसौली के अर्जुन

बरेली, अमृत विचार। स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। आए दिन शासन शिक्षण कार्यों में गुणवत्ता के लिए पाठ्यक्रमों को रोचक बनाने के साथ स्कूलों में मिड डे मील, ड्रेस व अन्य सुविधाएं भी बच्चों को मुहैया कराई जा रही हैं। बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की कमी बच्चों …
बरेली, अमृत विचार। स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। आए दिन शासन शिक्षण कार्यों में गुणवत्ता के लिए पाठ्यक्रमों को रोचक बनाने के साथ स्कूलों में मिड डे मील, ड्रेस व अन्य सुविधाएं भी बच्चों को मुहैया कराई जा रही हैं। बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की कमी बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगा रही है। जनपद में कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक हैं पर छात्रों की तादाद काफी कम है। दूसरी तरफ ऐसे स्कूल भी हैं जहां बच्चों की संख्या आवश्यकता से भी ज्यादा है लेकिन शिक्षकों की कमी इनकी शिक्षा में आड़े आ रही है।
शहर के बीचोबीच स्थित जसौली क्षेत्र के उच्च प्राथमिक स्कूल की स्थिति भी ऐसी ही है। इस स्कूल में छात्रों की संख्या निर्धारित मानकों से भी कहीं ज्यादा है। स्कूल में कुल 1836 बच्चे पंजीकृत हैं। इन बच्चों को पढ़ाने और संभालने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य समेत 4 सहायक अध्यापक और 2 अनुदेशकों पर है। बच्चों को पठन-पाठन कराने के लिए दो शिफ्टों में कक्षाएं संचालित करनी पड़ती हैं। कारण है कि स्कूल में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही कक्षाएं।
हालांकि, इस स्थिति का सामना कर रहे स्कूल की हेड मिस्ट्रेस पूनम गंगवार ने कई बार विभागीय अधिकारियों को इस कमी से अवगत कराया लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण स्कूल में शिक्षण कार्यों के लिए पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हो सकी है।
शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा असर
सरकारी मानकों के हिसाब से प्राइमरी और जूनियर स्तर की कक्षाओं में 30-35 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए लेकिन जसौली के स्कूल में स्थितियां इससे विपरीत हैं। स्कूल में दर्ज पंजीकृत छात्रों की संख्या के आधार पर देखा जाए तो पहली पाली में लगभग 900 बच्चों को पढ़ाने के लिए कम से कम 25 शिक्षकों की जरूरत है। वहीं, अधिकारियों की स्थिति यह है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के प्रयास के बजाय स्कूलों में और छात्रों का प्रवेश लेकर पंजीकृत करने का दबाव बनाया जा रहा है।
वर्जन —
बच्चों की शिक्षा में गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। इस संबंध में पत्र जारी कर बीएसए द्वारा सचिव से अनुमित लेकर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कहा जाएगा। जरूरत पड़ने पर शासन स्तर के अधिकारियों से भी पत्राचार किया जाएगा।
-गिरवर सिंह, सहायक शिक्षा निदेशक, बेसिक, बरेली मंडल