बरेली: ठोस के बजाय खोखले डिवाइडर की मजबूती पर उठे सवाल

बरेली: ठोस के बजाय खोखले डिवाइडर की मजबूती पर उठे सवाल

बरेली, अमृत विचार। स्टेडियम रोड पर बन रहे डिवाइडरों की अब मजबूती को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। डिवाइडरों के दोनों ओर पहले ईंट की दीवार खड़ी की जा रही है और उसी के सहारे इस दीवार के बाहर सीमेंट के ब्लॉक को लगाया जा रहा है। जबकि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कहना है …

बरेली, अमृत विचार। स्टेडियम रोड पर बन रहे डिवाइडरों की अब मजबूती को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। डिवाइडरों के दोनों ओर पहले ईंट की दीवार खड़ी की जा रही है और उसी के सहारे इस दीवार के बाहर सीमेंट के ब्लॉक को लगाया जा रहा है। जबकि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कहना है कि शहर के अंदर सीमेंट के ठोस डिवाइडर ही कारगर हैं, क्योंकि यहां अक्सर वाहनों की तादाद ज्यादा होने से उनके डिवाइडरों में रगड़ने और टकराने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। जबकि ईंट की बाउंड्री के सहारे बनाए जाने वाले इन डिवाइडरों के जल्द ही टूटने की संभावना बनी रहती है।

नगर निगम प्रशासन 15वें वित्त आयोग की धनराशि से स्टेडियम रोड पर ईंट पजाया से संजय नगर चौराहा होते हुए डेलापीर चौराहे तक करीब 4.5 करोड़ रुपये से सड़क का हॉटमिक्स निर्माण, चौड़ीकरण, नाला निर्माण और ईंट पजाया से संजयनगर चौराहे के बीच नए सिरे से डिवाइडरों के निर्माण कराए जाने हैं। इस प्रोजेक्ट पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है लेकिन यहां डिवाइडरों की मजबूती को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कहना है कि शहर के अंदर जिन सड़कों पर डिवाइडरों की चौड़ाई नहीं होती और उसमें मिट्टी भराव भी ठीक ढंग से नहीं हो सकता, तो वहां डिवाइडरों के बीच के हिस्से काफी खोखले रह जाते हैं।

ऐसे में डिवाइडरों में ठोस और मजबूती दोनों का अभाव रहने से उनके बार-बार टूटने की अत्यधिक संभावना रहती है। स्टेडियम रोड पर पूर्व में बने डिवाइडर भी ईंट से बने होने की वजह से वे कई जगहों पर वाहनों के टकराने से खतरनाक ढंग से टूट गए थे। यही हाल शहर के तमाम दूसरी सड़कों का भी है। इंजीनियरों का कहना है कि इस स्थिति से बचने से बीच में सरिया डालकर सीमेंट के ठोस डिवाइडर ही टिकाऊ हो सकते हैं। उसमें लगने वाली वाहनों की हल्की टक्कर खास असर नहीं करती। ऐसे में डिवाइडरों के टूटकर दूसरी साइड में खिसकने का भी खतरा कम रहता है।

डीएम के निरीक्षण में पीली ईंट लगाने के मामले की खुली थी पोल
डीएम मानवेंद्र सिंह ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ स्टेडियम रोड पर बन रहे डिवाइडरों का औचक निरीक्षण किया था। यहां काम कर रही राजीव ट्रेडर्स नाम की एक संस्था इस निर्माण को पूरा कर रही है। डीएम को यहां पुरानी व पीली ईंटों के खपाने की गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने ठेकेदार को पुरानी ईंटों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। अधिकारियों ने ठेकेदार के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।